बिहार चुनाव से पहले INDIA गठबंधन में सीटों की रस्साकशी, तेजस्वी की परीक्षा शुरू

बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। INDIA गठबंधन में शामिल छोटे दल अब बड़ी राजनीतिक हिस्सेदारी की मांग करने लगे हैं। सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन के अंदर ही खींचतान शुरू हो चुकी है, जिससे तेजस्वी यादव की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

सीपीआई माले ने जहां 45 सीटों पर लड़ने की मांग की है, वहीं मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी ने 60 सीटों पर दावेदारी ठोंक दी है। अब सवाल यह है कि क्या तेजस्वी यादव इन मांगों को पूरा कर पाएंगे?

🧩 गठबंधन की गांठें: सीटों पर घमासान
बिहार में INDIA गठबंधन में इस समय आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई माले, मुकेश सहनी की वीआईपी, और पशुपति पारस की एलजेपी शामिल हैं। लेकिन सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी तक तय नहीं हो सका है। ऐसे में हर दल अपनी दावेदारी पेश कर रहा है, जिससे आरजेडी के लिए बैलेंस बनाना मुश्किल होता जा रहा है।

🔥 माले और वीआईपी ने बढ़ाई तेजस्वी की टेंशन
सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि पार्टी 40–45 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर चुकी है। वहीं मुकेश सहनी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी ने पहले ही 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला मार्च में कर लिया था।

🛣️ ‘बदलो सरकार, बदलो बिहार’: माले की यात्रा से बढ़ेगी बार्गेनिंग पावर
सीपीआई माले ने 12 से 27 जून तक चार क्षेत्रों में यात्राएं निकालने की घोषणा की है—शाहाबाद, मगध, चंपारण और तिरहुत। इस यात्रा के जरिए पार्टी सियासी ताकत दिखाकर तेजस्वी और कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रही है, जिससे सीटों की मांग वाजिब ठहराई जा सके।

🔙 2020 में क्या था फॉर्मूला?
2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने वीआईपी और पारस की पार्टी को शामिल नहीं किया था।

आरजेडी: 144 सीटों पर लड़ी

कांग्रेस: 70 सीटें

सीपीआई माले: 19

सीपीआई: 6

सीपीएम: 4

हालांकि महागठबंधन को केवल 110 सीटों पर जीत मिली और सरकार नहीं बना सका। इस बार नए घटक दलों की वजह से सीटों का समीकरण और भी जटिल हो गया है।

⚖️ हर छोटा दल बनना चाहता है किंगमेकर
बिहार में वीआईपी से लेकर लेफ्ट दल तक अपने-अपने हिस्से का बड़ा टुकड़ा चाहते हैं। कांग्रेस भी 70 से ज्यादा सीटों की मांग कर रही है, जबकि राज्य में उसकी स्थिति कमजोर मानी जाती है। सभी दल खुद को “निर्णायक” साबित करना चाहते हैं, जिससे तेजस्वी यादव के लिए हर किसी को संतुष्ट करना कठिन होता जा रहा है।

🤔 क्या तेजस्वी सबको साध पाएंगे?
गुरुवार को होने वाली INDIA गठबंधन की बैठक से पहले ही सीटों की मांगों ने माहौल गरमा दिया है। अब देखना होगा कि क्या तेजस्वी यादव ऐसा कोई सीट फॉर्मूला ला सकते हैं जिससे गठबंधन में टूट-फूट न हो, और सभी दल संतुष्ट रहें?

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