फेटी लिवर या सिरोसिस ऑफ द लिवर एक गंभीर लिवर रोग है जिसमें लिवर के कारगर क्षेत्र में रूपांतरण हो जाता है और लिवर का सामान्य रूप से कारगर ऊतकों का हनन होता है। यह एक प्रगतिशील रोग है जिसमें लिवर की सामान्य कार्यक्षमता कम होती है और इसमें जैविक और स्थायी क्षति होती है। आइये जाने फेटी लिवर क्या है और क्यू होता है:
बदलते लाइफस्टाइल का सबसे ज्यादा असर जिस चीज पर पड़ता है वो है सेहत। आजकल लोग डायबिटीज और बीपी के अलावा जिस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं वो है फैटी लिवर। खासतौर पर युवाओं में फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में ज्यादा घी तेल की चीजें खाने से बचना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो लंबे समय तक फैटी लिवर की परेशानी रही तो वो आगे चलकर हेपेटाइटिस बी का रूप ले सकती है। ऐसे में अगर आप इस बीमारी की चपेट में आने से बचना चाहते हैं तो अपनी डाइट में कुछ फलों को जरूर शामिल करें।
यह एक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें लिवर में अत्यधिक चर्बी जमा होती है। यह आमतौर पर तीन प्रकार के होते हैं:
अल्कोहोलिक फैटी लिवर: इसमें अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वाले व्यक्तियों में चर्बी जमा होती है, जो बाद में लिवर इन्फ्लेमेशन और सिरोसिस में बदल सकती है।
नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर (NAFLD): इसमें अधिक मात्रा में चर्बी जमा होती है, लेकिन इसका कारण अल्कोहोल नहीं होता। इसका मुख्य कारण अत्यधिक वजन, डायबीटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, या अन्य मेटाबोलिक समस्याएं हो सकती हैं।
नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपैटाइटिस (NASH): इसमें चर्बी जमा होती है और लिवर में इन्फ्लेमेशन होता है, जिससे जानले बन सकते हैं और यह अनुपचारित होने पर सिरोसिस बन सकता है।
फैटी लिवर के लक्षण में शामिल हो सकते हैं: पेट का विस्तार, पेट में दर्द, तौलिया होना, जॉइंट्स में दर्द, थकान, त्वचा में पीलापन, और खून की सामान्यता में वृद्धि।
इस स्थिति को निदान और प्रबंधन के लिए वैद्यकीय सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सामान्यत: आहार, व्यायाम, और वजन नियंत्रण से संबंधित सुधार करने के माध्यम से इस स्थिति का प्रबंधन किया जा सकता है।
फैटी लिवर के उपाय:
रोजाना खाएं कम से कम एक सेब
सेब को सेहत के लिए हमेशा से ही बेहतरीन कहा गया है। अगर आप फैटी लिवर की परेशानी से जूझ रहे हैं या फिर उससे बचना चाहते हैं तो दोनों ही परिस्थितियों में अपनी डाइट में सेब का सेवन करें। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप रोजाना सेब खाएं तो ये आपको फैटी लिवर की बीमारी से बचाने में मददगार होगा। सेब लिवर में जमे फैट को कंट्रोल करने या यू कहे कि उसे कम करने में असरदार है।
संतरे का भी करें सेवन
फैटी लिवर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लिवर में घाव हो जाते हैं। इन घावों को भरने के लिए विटामिन सी की जरूरत होती है। संतरे में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। इसलिए फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्ति के लिए संतरे का सेवन लाभकारी होता है।
पपीता भी है लाभकारी
पपीता भी फैटी लिवर के मरीजों के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से ना केवल लिवर अच्छे से काम करता है बल्कि डाइजेशन भी ठीक रहता है। इसी वजह से इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को पपीते का सेवन जरूर करना चाहिए।
एवोकाडो का भी करें सेवन
फैटी लिवर से जूझ रहे व्यक्ति को एवोकाडो का भी सेवन करना चाहिए। इसे खाने से आपका लिवर हेल्दी रहेगा। ये ना केवल आपके लिवर को डैमेज होने से बचाता है बल्कि लिवर को स्वस्थ करने में भी मदद करता है।
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