बसंत पंचमी से मौसम पूरी तरह से बदल जाता है। इस उष्णकटिबंधीय मौसम में अगर आपने अपनी सेहत के प्रति थोड़ा सी भी विविधता हासिल की है तो आप कई बेहतरीन जगहों पर आ सकते हैं। इन बिस्तरों में ठंडक और फ्लू आम है। इन थैलियों से आप खाना बनाना चाहते हैं तो इनमें ये 5 चीजें जरूर शामिल करें। ये चीजें आपको प्लास्टिक के मौसम में होने वाली अस्थायी से बचाए रखेंगी।चलिये जानते हैं बदलते मौसम में क्या खाना चाहिए:
नारंगी
मौसमी मौसम में कई लोगों को सूखी खांसी की समस्या हो जाती है। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो अपनी-अपनी श्रेणी में विटामिन सी से संबंधित दवाओं को शामिल करें। विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट हैं जो स्थानीय मौसम में बीमारी फैलाने वाले दस्तावेज़ से लड़ने के लिए इमाम सिस्टम की मदद करते हैं। इन फलों में संतरा, कीवी, अंगूर, स्ट्रॉबेरी शामिल हैं।
अनार
अनार का सेवन आपके लिए भी फायदेमंद रहेगा। अनार रोग फैलाने वाले कीटाणुओं से बचाव में आपकी मदद करें। इसके साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स में मौजूद आपकी इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मेवा
प्रतियोगी मेवे में कई पोषक तत्वों की समानता होती है। वैसे तो हमेशा खाना चाहिए लेकिन बदलते मौसम में इनका सेवन करना आपके लिए बहुत जरूरी है। बादाम,अकरोट, पिस्ता जैसे किचिर मेवे विटामिन ई से अधिक होते हैं। इस शरीर को छुड़ाने में आपकी मदद करेंगे।
हरी सब्जी
हरे मोर्टार को भी अपने में शामिल जरूर करें। इन नोटबुक में पालक, सरसों का सागा और मेथी का सागा शामिल है। हरी जड़ी-बूटियाँ, विटामिन, मसाले और चारे की भरपूर मात्रा होती हैं, जो मसाले में आपकी सेहत को चुस्त और मसाले की खुराक में शामिल होते हैं।
अगर आप पुराने जमाने के किचन और फ्लू जैसी कई और चीजों से बचना चाहते हैं तो अपने मिश्रण में मौजूद कुछ मसालों का भी सेवन करें। ये हैं- हल्दी, दालचीनी, जीरा, अजेय और अदरक। ये मौलिक एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स बहुतायत में पाए जाते हैं। जिस कारण से सीज़न में बातचीत आपके लिए इसका सेवन करती है।