तेजपत्ते का काढ़ा: सेहत का खजाना, फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे आप

तेजपत्ता सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला ही नहीं बल्कि एक शक्तिशाली औषधि भी है। इसका उपयोग सदियों से आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है। तेजपत्ते का काढ़ा खासकर सर्दी-खांसी, पाचन समस्याओं और दर्द में राहत देने के लिए जाना जाता है।

तेजपत्ते के काढ़े के फायदे

  • सर्दी-खांसी में आराम: तेजपत्ते में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की खराश, खांसी और जुकाम में आराम दिलाते हैं।

  • पाचन में सुधार: तेजपत्ता पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है, जिससे भोजन आसानी से पच जाता है और गैस, कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
  • दर्द में आराम: तेजपत्ते में एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों के दर्द में राहत देते हैं।
  • इम्यूनिटी बूस्टर: तेजपत्ते में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
  • वजन घटाने में मदद: तेजपत्ता मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है।

तेजपत्ते का काढ़ा कैसे बनाएं?

सामग्री:

  • 5-6 तेजपत्ते
  • 1 लीटर पानी
  • 1 इंच दालचीनी
  • 5-6 काली मिर्च
  • आधा चम्मच अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
  • स्वादानुसार शहद

विधि:

  1. एक पैन में पानी डालकर उबाल लें।
  2. इसमें तेजपत्ते, दालचीनी, काली मिर्च और अदरक डालें।
  3. धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक उबालें।
  4. गैस बंद कर दें और ठंडा होने दें।
  5. छानकर एक कप में निकाल लें और स्वादानुसार शहद मिलाएं।

तेजपत्ते का काढ़ा पीने का तरीका

  • गुनगुना काढ़ा दिन में दो बार पी सकते हैं।
  • सर्दी-खांसी में रात को सोने से पहले गर्म काढ़ा पीना फायदेमंद होता है।
  • पाचन समस्याओं के लिए खाने के बाद गुनगुना काढ़ा पी सकते हैं।

सावधानियां

  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को तेजपत्ते का काढ़ा पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • अगर आपको किसी भी तरह की एलर्जी है तो तेजपत्ते का काढ़ा न पिएं।
  • अधिक मात्रा में तेजपत्ते का सेवन करने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

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