बांग्लादेश की रहने वाली एक महिला, लवली खातून, पश्चिम बंगाल के मालदा जिले की रशीदाबाद ग्राम पंचायत की प्रधान बन गई हैं। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें लवली खातून पर बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत आने और फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता हासिल करने का आरोप लगाया गया है।
याचिका के अनुसार, लवली खातून का असली नाम नसिया शेख है और वह बांग्लादेश की नागरिक हैं। आरोप लगाया गया है कि वह बांग्लादेश से घुसपैठ करके भारत आईं और फर्जी कागजातों के आधार पर पंचायत चुनाव लड़ा, जिसमें वह विजयी हुईं और प्रधान बन गईं।
यह याचिका चांचल की निवासी रेहाना सुल्तान ने कलकत्ता हाइकोर्ट में दायर की है, जिन्होंने 2022 में लवली खातून के खिलाफ पंचायत चुनाव लड़ा था लेकिन हार गईं। रेहाना सुल्तान का आरोप है कि लवली खातून अवैध रूप से भारत में रह रही हैं और उन्हें प्रधान बनने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
इस मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा की पीठ अगले सप्ताह सुनवाई करेगी। हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है।
घुसपैठ का मुद्दा पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर गरमा गया है। बीजेपी इस मुद्दे को लगातार उठाती रही है, और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी ममता बनर्जी सरकार पर घुसपैठ के मामले में कार्रवाई न करने के आरोप लगा चुके हैं। दूसरी ओर, राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते यह घुसपैठ जारी है। हाल ही में बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा था कि अवैध प्रवास के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
यह मामला बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ और पश्चिम बंगाल में आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क फैलाने के आरोपों के बीच और भी चर्चा में आ गया है। अब देखना यह होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाती है और क्या लवली खातून प्रधान पद पर बनी रहेंगी या नहीं।