राजधानी में पहले तो गर्मी की मार और अब पानी की।दोनो ही तरफ से दिलीवासी परेशान हो रहे है। पानी की कमी को लेकर दिल्ली सरकार अपनी तरफ से हर प्रयत्न करने लगी है।इसको देखते हुए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई, इसमें दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत मुख्य सचिव और सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल है। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में पानी की कमी हरियाणा से कम पानी मिलने की वजह से हो रही है। दिल्ली में पानी की आपूर्ति और वितरण को लेकर के कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है. आतिशी का आरोप है कि हरियाणा की तरफ से दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। यमुना का जल स्तर लगातार गिर रहा है. पिछले साल 2023 के अप्रैल, मई और जून महीने में वजीराबाद में 647.5 फीट वाटर लेबल था, इस साल की बात करें तो एक मई से ही हरियाणा ने पानी की सप्लाई को कम कर दिया है.उन्होंने बताया कि एक मई को यमुना का जल स्तर 674.5 फीट था, जो 8 मई को घटकर 672, 20 मई को 671, 24 मई को 670.2 और 28 मई को 669.8 फीट पर आ गया है. जिन जगहों पर दिन में दो बार पानी आता है, उन इलाकों में अब एक बार पानी आ रहा है.
अतिशी ने कहा है कि हम केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे पानी की समस्या को लेकर हरियाणा की तरफ से सहयोग दिया जाए. हरियाणा, दिल्ली के साथ ऐसे नही कर सकता है. दिल्ली यमुना पर ही निर्भर करती है.वाटर लेबल कम होने की वजह से वजीराबाद , चंद्रवाल और ओखला वोटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है, लेकिन पानी कम होने की वजह से प्लांट में पानी ही नहीं पहुंच रहा है. दिल्ली को अगर पानी नही मिलेगा तो प्लांट काम नही कर सकेंगे. हरियाणा को पत्र भी लिखा गया है. हमने एक अहम बैठक बुलाई है. हमें उम्मीद है कि अधिकारी सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे.
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