गठिया, साइटिका या सूजन? हरसिंगार है हर दर्द का इलाज

हरसिंगार का पौधा सिर्फ देखने में ही सुंदर नहीं होता, बल्कि इसकी खुशबू और गुण भी उतने ही असरदार हैं। इसे पारिजात भी कहा जाता है और आयुर्वेद में इसे एक औषधीय चमत्कार माना गया है। इसके फूल, पत्ते और टहनियाँ न सिर्फ शरीर की बीमारियों से राहत दिलाते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं।

हरसिंगार के फूलों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण इसे गठिया, साइटिका और जोड़ों के दर्द में बेहद लाभकारी बनाते हैं। आइए जानते हैं, कैसे हरसिंगार का उपयोग आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

🦴 गठिया में हरसिंगार के चमत्कारी फायदे
हरसिंगार में एंटी-रूमेटिक गुण पाए जाते हैं जो गठिया रोग में असरदार होते हैं।

इसके फूलों का रस पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं

जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है

हरसिंगार का तेल सूजन या चोट वाली जगह पर लगाने से दर्द और सूजन कम होती है

✅ उपयोग विधि:
हरसिंगार के 5-6 फूलों को पानी में उबालकर उसका रस पी सकते हैं। चाहें तो नारियल तेल में इसका अर्क मिलाकर हल्का गर्म करके मालिश करें।

🌿 हरसिंगार का जूस: एक देसी टॉनिक
हरसिंगार के फूल, पत्ते और टहनियाँ मिलाकर बनाया गया जूस

सूजन कम करता है, पाचन सुधारता है

जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और थकान में राहत देता है

✅ घरेलू उपाय:
हरसिंगार के पत्तों और फूलों को पानी में उबालें, छानकर गुनगुना पीएं।

💥 साइटिका में रामबाण
साइटिका की समस्या में हरसिंगार का काढ़ा बहुत फायदेमंद माना गया है।

कमर से लेकर पैरों तक के दर्द में राहत

चलने-फिरने में आसानी

नसों की सूजन और खिंचाव में असरदार

✅ कैसे लें:

हरसिंगार के सूखे पत्तों का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम गुनगुने पानी से लें

हरसिंगार की पत्तियों का काढ़ा उबालकर रोज़ पिएं

📌 BONUS TIPS:
हरसिंगार के फूल सुबह 4-6 बजे के बीच अपने आप गिरते हैं — तब ये सबसे प्रभावशाली माने जाते हैं

रोज़ाना 1 हफ्ते तक इसका काढ़ा पीने से जोड़ों की सूजन में चमत्कारी राहत मिल सकती है

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