देश में डायबिटीज अब एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या बन गई है, खासकर टाइप-2 डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब यह बीमारी कम उम्र में भी देखने को मिल रही है। लाइफस्टाइल में बदलाव, खराब खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। डायबिटीज होने से पहले व्यक्ति प्री-डायबिटीज स्टेज में जाता है। अगर इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो डायबिटीज होने से बचाव संभव है।
प्री-डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जब रक्त में शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन यह डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचता। इस स्टेज में अगर आप हर दिन 10 हजार कदम चलने (ब्रिस्क वॉक), 15 मिनट योगासन करने, खाने में प्रोटीन बढ़ाकर कार्बोहाइड्रेट कम करने, मीठा खाना कम करने और रोज 2-3 लीटर पानी पीने की आदत डालें, तो डायबिटीज से बचाव संभव है। इसके अलावा यह जानना भी जरूरी है कि डायबिटीज क्यों हो रही है।
क्या हैं डायबिटीज के कारण? अधिक मात्रा में शुगर और तेल से बने पदार्थ खाने से शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है। मानसिक दबाव भी डायबिटीज की समस्या को बढ़ाता है। युवाओं में अक्सर देखा जाता है कि वे अपने काम और पढ़ाई के तनाव में रहते हैं, जिससे उनका मानसिक संतुलन बिगड़ता है। यदि परिवार में किसी को टाइप-2 डायबिटीज है, तो यह संभावना बढ़ जाती है कि अगली पीढ़ी को भी इस बीमारी का सामना करना पड़े।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? टाइप-2 डायबिटीज का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल और खानपान है। जंक फूड और चीनी से भरपूर भोजन शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाते हैं, जो डायबिटीज का कारण बन सकता है। डायबिटीज होने से पहले शरीर प्री डायबिटीज स्टेज में होता है। अगर इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो डायबिटीज से बचाव किया जा सकता है।
डायबिटीज से बचाव कैसे करें?
सब्जियों और फलों का सेवन बढ़ाएं, ज्यादा शक्कर और तेल से बचें।
प्रतिदिन 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि से शरीर को स्वस्थ रखें।
योग, ध्यान और सैर जैसी गतिविधियों से मानसिक शांति प्राप्त करें।
अपने वजन को कंट्रोल में रखें, क्योंकि अधिक वजन डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है।
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