भारत की अनुभवी भालाफेंक खिलाड़ी अन्नु रानी एक बार फिर विश्व स्तर पर प्रभावित नहीं कर सकी और बेहद खराब प्रदर्शन के बाद पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन दौर से ही बाहर हो गई जबकि त्रिकूद में प्रवीण चित्रावेल और अब्दुल्ला अबुबाकर भी लचर प्रदर्शन के बाद फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे।
31 वर्ष की राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी अन्नु ने 55.81 मीटर के साथ शुरूआत की और अगले दो प्रयासों में 53.22 मीटर और 53.55 मीटर भाला फेंका। वह ग्रुप ए में 16 प्रतियोगियों में 15वें और कुल 26वें स्थान पर रहीं।
ओलंपिक के लिये विदेश में तैयारी करने वाली अन्नु का सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 60.68 मीटर और राष्ट्रीय रिकॉर्ड 63.82 मीटर का है। उन्होंने विश्व रैंकिंग कोटा से पेरिस ओलंपिक का टिकट कटाया था।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक चित्रावेल ग्रुप ए में 16.25 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ 16 खिलाड़ियों में 12वें और दोनों ग्रुप में मिलाकर 32 खिलाड़ियों में कुल 27वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो गए। चित्रावेल ने दूसरे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
चित्रावेल ने अपने पहले प्रयास में 15.99 मीटर का लचर प्रदर्शन किया लेकिन अपने दूसरे प्रयास में इसे बेहतर करते हुए 16.25 मीटर की दूरी तय की। राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने अपने तीसरे प्रयास में भी निराश किया और 16.21 मीटर के प्रयास से फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे।
चित्रावेल 17.37 मीटर के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और 17.12 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रहे। अगर वह इस प्रदर्शन के करीब पहुंचते तो आसानी से फाइनल में जगह बना सकते थे।
वहीं दूसरी तरफ अबुबाकर ग्रुप बी में 16.49 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ 16 खिलाड़ियों में 13वें और दोनों ग्रुप में मिलाकर कुल 21वें स्थान पर रहे। अबुबाकर ने तीसरे और अंतिम प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
चित्रावेल की तरह अबुबाकर ने भी अपने पहले प्रयास में 15.99 मीटर की दूरी तय की और दूसरे प्रयास में इसमें सुधार करते करते हुए 16.19 मीटर की कूद लगाई। अबुबाकर ने अपने तीसरे प्रयास में और सुधार करते हुए 16.49 मीटर की कूद लगाई लेकिन यह उन्हें फाइनल में जगह दिलाने के लिए नाकाफी था।
अबुबाकर का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17.19 मीटर और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17.00 मीटर है।
त्रिकूद स्पर्धा में ग्रुप ए और बी क्वालीफिकेशन के बाद 17.10 मीटर या इससे अधिक की कूद लगाने वाले सभी खिलाड़ी या दोनों ग्रुप से शीर्ष 12 खिलाड़ियों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी भारत की सौ मीटर की बाधा दौड़ खिलाड़ी ज्योति याराजी अपनी पहली हीट में खराब प्रदर्शन के बाद सातवें स्थान पर रही और स्वत: सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गई।
पहली बार ओलंपिक खेल रही याराजी खेलों में सौ मीटर बाधादौड़ में भाग लेने वाली पहली भारतीय भी हैं। उन्होंने चौथी हीट में 13.16 सेकंड का समय निकाला और 40 धावकों में 35वें स्थान पर रही।
24 वर्ष की याराजी का राष्ट्रीय रिकॉर्ड 12.78 सेकंड का है।
गत चैम्पियन पुएर्तो रिको की जैसमीन कामाचो किन ने 12.42 सेकंड का समय निकालकर शीर्ष स्थान हासिल किया।
पांचों हीट में से शीर्ष तीन खिलाड़ी और अगले तीन सबसे तेज खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचेंगे।
बाकी प्रतियोगियों को बृहस्पतिवार को रेपेचेज दौर के जरिये सेमीफाइनल में पहुंचने का एक और मौका मिलेगा।
ऊंची कूद में सर्वेश कुशारे भी फाइनल में नहीं पहुंच सके। वह ग्रुप बी में 13वें और कुल 25वें स्थान पर रहे। वह 2.15 मीटर की कूद ही लगा सके जबकि उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 2.25 मीटर है।
इससे पहले मैराथन रेसवॉक मिश्रित रिले टीम में सूरज पंवार और प्रियंका गोस्वामी रेस पूरी नहीं कर सके। गोस्वामी 41.4 किलोमीटर की रेस में चौथे और आखिरी चरण के बाद पीछे हट गई।
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