अफ्रीकी देश केन्या में काफी बवाल हो गया, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए. मंगलवार को नए टैक्स बिल के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे. प्रदर्शनकारी संसद के बाहर लगे बैरिकेड्स पार कर अंदर घुस गए, जहां सांसद बिल पर चर्चा कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने संसद में भी आग लगा दी. इस दौरान पुलिस की फायरिंग में 5 लोग मारे गए. रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में हिंसा के दौरान सांसदों के अंडरग्राउंड टनल के जरिए किसी तरह बाहर निकाला गया था. लोगों ने संसद परिसर में तोड़फोड़ भी की, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे. केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने इस हंगामे की निंदा करते हुए देशद्रोही कृत्य बताया.
भारतीय उच्चायोग ने भारतीय लोगों को वहां एडवाइजरी जारी की है. केन्या में करीब 1 लाख भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं, जिनकी जान को खतरा हो सकता है, इसलिए उन्हें अलर्ट किया गया है. भारतीय उच्चायोग ने एडवायजरी जारी करते हुए एक्स पर लिखा, ‘तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए केन्या में सभी भारतीयों को सावधानी बरतने, गैर-जरूरी आवाजाही न करने और स्थिति साफ होने तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.
दरअसल, केन्या की सरकार कर्ज को पूरा करने के लिए टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही थी. इसको लेकर एक बिल लाया जाना था. विधेयक का उद्देश्य इंटरनेट डेटा, ईंधन, बैंक ट्रांसफर और डायपर जैसी दैनिक यूज में ली जाने वाली चीजों पर टैक्स बढ़ाना था. हालांकि, सरकार ने मोटर वाहनों, वनस्पति तेल और मोबाइल मनी ट्रांसफर के साथ-साथ ब्रेड पर लगने वाले 16 फीसदी टैक्स को खत्म कर दिया था. लेकिन केन्या में बढ़ती महंगाई के बीच लोगों ये काफी नहीं था. इसके विरोध में युवा सोशल मीडिया के जरिए सड़क पर प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शनकारी इस विधेयक को वापसी की मांग कर रहे थे. यह प्रदर्शन देखते ही देखते दंगों में फैल गया.
वहीं, सरकार ने लोगों का मानना है कि इस बिल को मई में पेश किया गया था. ज्यादातर सांसद इस बिल के समर्थन में हैं. यह सरकारी कामों को पूरा करने के लिए जरूरी है. रेवेन्यू बढ़ाने पर होने वाली कमाई के जरिए सरकार देश में सड़कों का निर्माण, टीचर्स को हायर और किसानों को सब्सिडी दे पाएगी, लेकिन लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.