प्राचीन ज्ञान, दर्शन विकसित राष्ट्र की दिशा में मार्गदर्शक बन सकते हैं: एसोचैम महासचिव

उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि भारत का प्राचीन ज्ञान और दर्शन विकसित राष्ट्र की दिशा में मार्गदर्शक बन सकता है। उन्होंने शुक्रवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक पुस्तक के विशेष विमोचन समारोह में कहा कि हाल के वर्षों में भारत ने जो वृद्धि और उन्नति देखी है, वह देश के नेतृत्व का परिणाम है।

सूद ने कहा कि इस पुस्तक ने हमें बताया है कि हमने अपने लक्ष्य की ओर कितनी प्रगति की है। उन्होंने कहा, ”हमें प्राचीन ज्ञान और दर्शन का आशीर्वाद प्राप्त है, जो विकसित राष्ट्र की दिशा में हमारा मार्गदर्शक प्रकाश बन सकता है।”

अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक और इस समय क्षमता निर्माण आयोग में सदस्य (मानव संसाधन) आर बालासुब्रमण्यम की किताब ‘पावर विदिन: द लीडरशिप लिगेसी ऑफ प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी’ भारत के सभ्यतागत ज्ञान को दर्शाती है। इस किताब में यह बताया गया है कि किस तरह मोदी के रूप में स्वदेशी और प्राचीन ज्ञान ने आधुनिक समय में वैश्विक नेतृत्व को आकार दिया है।

इस पुस्तक का लोकार्पण टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने किया। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान, पीरामल समूह की वाइस चेयरमैन स्वाति पीरामल, क्षमता निर्माण आयोग के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई और आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास प्रभु मौजूद थे।

यह भी पढ़े :-

अभी शादी करने के मूड में नहीं हैं कृति सेनन