राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के बजट पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले के बयान पर भारी हंगामा हुआ। जब गोखले ने सीबीआई और ईडी का मुद्दा उठाया, तो गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर कड़ा विरोध जताया और साफ कहा कि सीबीआई गृह मंत्रालय के अधीन नहीं आती।
गोखले के बयान पर रोक की मांग, लेकिन उन्होंने इनकार किया
साकेत गोखले के बयान पर राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने उनसे शब्द वापस लेने को कहा, लेकिन गोखले ने इनकार कर दिया। इस पर चेयरमैन ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
अमित शाह ने दिया करारा जवाब
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जवाब देते हुए कहा,
“यह चर्चा गृह मंत्रालय के कामकाज पर हो रही है, लेकिन साकेत गोखले ईडी और सीबीआई की बात कर रहे हैं, जबकि ये हमारे मंत्रालय के अधीन नहीं आते। लेकिन अगर वे इन मुद्दों को उठाना चाहते हैं, तो मुझे भी जवाब देने का पूरा हक है। मैं किसी की कृपा से नहीं, बल्कि जनता के समर्थन से यहां हूं।”
अमित शाह ने बंगाल में हुई चुनावी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा,
“जब बंगाल में बीजेपी की सीटें बढ़ीं, तो बहुमत वाले इलाकों में हिंसा हुई, महिलाओं के साथ अत्याचार किए गए और हमारे कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही इन मामलों में केस दर्ज हुए।”
जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने भी किया हमला
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साकेत गोखले के बयान को असंसदीय बताते हुए कहा कि यह एक विशेष जाति के खिलाफ है और इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,
“गोखले ने ‘तड़ीपार’ जैसे शब्द इस्तेमाल किए, यह सिर्फ मेरी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि सदन की गरिमा के खिलाफ है।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा,
“साकेत गोखले ने अपने 12 मिनट के भाषण में कोई ठोस सुझाव नहीं दिया। उनका पूरा भाषण निम्न स्तर का था, जो राज्यसभा की गरिमा के खिलाफ है।”
अब आगे क्या?
साकेत गोखले के बयान को लेकर संसद में विवाद जारी है। चेयरमैन धनखड़ जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। वहीं, अमित शाह ने साफ कर दिया कि सरकार विपक्ष की गलत जानकारी को बर्दाश्त नहीं करेगी और हर सवाल का जवाब दिया जाएगा।
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