मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आतंकवादियों को सीमा पार करने के बयान पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा अमेरिका इसमें शामिल नहीं होगा लेकिन तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करता है।
आतंकवादियों को खत्म करने के लिए अन्य देशों में भारत के कथित अभियानों पर सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका इस मामले में खुद को शामिल नहीं करेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी और सिंह की टिप्पणियों को कनाडा में (खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह) निज्जर की कथित हत्या, (नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह) पन्नू की न्यूयॉर्क में मर्डर की षड्यंत्र और हत्याओं पर “इकबालिया बयान” के रूप में देखा जा सकता है।
मिलर का कहना है अमेरिका इस मामले से दूर रहेगा।विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका इस मामले में शामिल नहीं होगा, लेकिन हम भारत और पाकिस्तान दोनों को तनाव से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”
मिलर ने कहा,इस सवाल पर कि अमेरिका ने इस मामले में भारत पर प्रतिबंधों पर विचार क्यों नहीं किया, “मैं कभी भी किसी भी प्रतिबंध की कार्रवाई का जांच नहीं करने जा रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई मनाही है।
सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए नई दिल्ली के दृढ़ दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए इस महीने की शुरुआत में सिंह ने कहा था कि भारत में यदि आतंकवादी शांति भंग करने की कोशिश की या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा और यदि वे पाकिस्तान भाग जाते हैं तो उन्हें उचित जवाब दिया जाएगा। भारत पड़ोसी देश में घुसकर मारेगा।
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ की एक रिपोर्ट पर एक सवाल का रक्षा मंत्री जवाब दे रहे थे, जिसमें दावा किया गया था 2019 के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक साहसी दृष्टिकोण के तहत पाकिस्तान में आतंकवादियों की हत्याएं कीं। कथित तौर पर मोदी ने भी इसी तरह की टिप्पणियां की थीं सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदर्भ।