अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुताबिक उन्हें बेरूत पर इजरायल की ओर से किए गए हमले की भनक तक नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह बेरूत में इजरायल के हवाई हमलों पर टिप्पणी करने से पहले अधिक जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही दोहराया कि अमेरिका इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के ऑपरेशन में शामिल नहीं था।
बाइडेन ने डेलावेयर में संवाददाताओं से कहा, “हम अभी भी जानकारी जुटा रहे हैं, मैं आपको बता सकता हूं – अमेरिका को आईडीएफ कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी या इसमें हमारी कोई भागीदारी नहीं थी। हम अधिक जानकारी एकत्र कर रहे हैं। जब हमारे पास अधिक जानकारी होगी, तो मैं और कुछ कह पाऊंगा।”
सीएनएन ने शुक्रवार को एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि, इजरायल ने ऑपरेशन के शुरू होने और विमानों के उड़ान भरने के बाद अमेरिका को जानकारी दी थी।
अधिकारी ने कहा, “हमें इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी और न ही किसी ने पहले हमें सूचित किया था।”
एक इजरायली अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि यह सूचना हमले से “कुछ देर पहले” भेजी गई थी, और अमेरिका ने इस ऑपरेशन में कोई भूमिका नहीं निभाई थी।
बाइडेन से जब पूछा गया कि क्या हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को निशाने पर रख किए गए हमले (सीएनएन की रिपोर्ट अनुसार) सही ठहराए जा सकते हैं? तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने किसी भी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया।
उनका जवाब था, “हमें और अधिक जानकारी इकट्ठी करनी होगी।” “मैं इस प्रश्न का उत्तर देने की स्थिति में नहीं हूं।” उन्होंने कहा कि वह संघर्ष के कारण क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव को लेकर “हमेशा चिंतित रहते हैं।”
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी शुक्रवार को कहा कि अमेरिका अभी भी बेरूत में इजरायली हमलों के बारे में अधिक जानकारी एकत्रित करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम अभी भी जानकारी जुटा रहे हैं, हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इरादा क्या था – और जब तक हमारे पास वह जानकारी नहीं आ जाती, हम इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे सकते।
शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने क्षेत्र में तनाव के लिए एक कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर एक बार फिर जोर दिया।
ब्लिंकन ने एक समाचार सम्मेलन में कहा कि इजरायल को यह अधिकार है कि अपने बचाव के लिए और बंधक नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की कोशिश करे लेकिन, “जिस तरह से वह ऐसा कर रहा है, वह मायने रखता है”।
उन्होंने चेतावनी दी कि कूटनीति का अनुसरण न करने से “अधिक संघर्ष, अधिक हिंसा, अधिक पीड़ा और अधिक अस्थिरता और असुरक्षा पैदा होगी, जिसका असर दुनिया भर पर पड़ेगा”।
शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने दावा किया कि कूटनीति का मार्ग अभी भी मौजूद है, हालांकि “इस समय इसे देखना मुश्किल लग सकता है”।
ब्लिंकन का ये बयान इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अमेरिकी युद्धविराम प्रस्ताव को लेकर दिलचस्पी न दिखाने के कुछ दिनों बाद आया है।
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