संसद के किसी भी द्वार पर धरना-प्रदर्शन नहीं करने के निर्णय पर अमल करें सभी दल: बिरला

संसद के मकर द्वार के पास मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के सदस्यों के प्रदर्शन के कुछ देर बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सभी दलों से चर्चा के बाद सहमति बनी थी कि संसद भवन के किसी भी द्वार पर धरना और प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और सभी को इस पर अमल करना चाहिए।

‘इंडिया’ गठबंधन के सांसदों ने मंगलवार को जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से 18 प्रतिशत जीएसटी वापस लेने की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के सदस्य शामिल थे।

बिरला ने लोकसभा में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद कहा, ‘‘सभी दलों से चर्चा के बाद सहमति बनी थी कि संसद भवन के किसी भी द्वार पर धरना और प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। कई सदस्यों ने सामूहिक रूप से पत्र लिखकर मुझे अवगत कराया है कि द्वार अवरुद्ध होने से उन्हें आने-जाने में असुविधा होती है और विशेष रूप से महिला सदस्यों को परेशानी होती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सहमति से निर्णय करते हैं तो लागू करने में भी सामूहिक सहमति बननी चाहिए।’’

बिरला ने कहा कि जब सहमति बन जाती है तो सभी की जिम्मेदारी है कि उसे लागू करें।

इस पर कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी यह कहते सुने गए कि सदस्य कहां प्रदर्शन करें।

बनर्जी को कहते हुए सुना गया कि जब संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा को मूल जगह से हटाकर दूसरी जगह लगा दिया गया है तो सांसद कहां प्रदर्शन करें।

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