पिछले तीन वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने की तमाम अंतरराष्ट्रीय कोशिशें अब तक बेअसर साबित हुई हैं। शांति वार्ता के दौरान भी दोनों देशों की सेनाएं हमले जारी रखे हुए हैं। इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध रोकने के लिए कुछ कड़े शर्तें सामने रखी हैं।
पुतिन की प्रमुख मांगों में यूक्रेन की नाटो सदस्यता को पूरी तरह से रोकना शामिल है। वे शुरुआत से ही नाटो के पूर्वी विस्तार के खिलाफ रहे हैं और अब उन्होंने इस मुद्दे को युद्ध विराम की शर्तों में शामिल कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, पुतिन पश्चिमी देशों से एक लिखित गारंटी चाहते हैं कि नाटो अब और पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेगा। साथ ही रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों का एक बड़ा हिस्सा हटाने की भी मांग की गई है। इसके अलावा, यूक्रेन में रह रहे रूसी भाषी नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी भी मांगी गई है।
तीन रूसी सूत्रों के अनुसार, शांति वार्ता में शामिल होते हुए पुतिन की यह प्रमुख शर्तें सामने आई हैं — नाटो विस्तार पर रोक और रूस पर लगे प्रतिबंधों में राहत।
वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को खत्म करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में चेतावनी दी कि अगर पुतिन कीव के साथ युद्धविराम वार्ता से इंकार करते रहे, तो वह “आग से खेल रहे हैं”, खासकर ऐसे समय में जब रूसी सेना युद्ध के मैदान में बढ़त हासिल कर रही है।
पिछले हफ्ते ट्रंप और पुतिन के बीच दो घंटे से अधिक बातचीत हुई। इस बातचीत के बाद पुतिन ने संकेत दिया कि वह यूक्रेन के साथ एक ज्ञापन पर काम करने को तैयार हैं, जो युद्ध विराम और शांति समझौते की रूपरेखा तय करेगा। रूस इस ज्ञापन के मसौदे पर काम कर रहा है, लेकिन इसके पूरा होने में कितना समय लगेगा, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
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