आज के समय में दुनिया भर में 25 करोड़ से अधिक महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन क्या वे इसके संभावित खतरों के बारे में जानती हैं? हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों को गर्भधारण रोकने का एक सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन डेनमार्क में हुई एक रिसर्च में इनके गंभीर दुष्प्रभावों का खुलासा हुआ है।
क्या कहती है रिसर्च?
बीएमजे (ब्रिटिश मेडिकल जर्नल) में प्रकाशित डेनमार्क के एक अध्ययन में बताया गया कि हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाएं, खासकर एस्ट्रोजन युक्त उत्पाद (जैसे योनि रिंग और त्वचा पैच) महिलाओं में स्ट्रोक और दिल के दौरे का खतरा बढ़ा सकते हैं।
हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा कि यह खतरा बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन चूंकि ये दवाएं व्यापक रूप से इस्तेमाल होती हैं, इसलिए डॉक्टर को इन्हें प्रिस्क्राइब करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
क्या है इस्केमिक हार्ट डिजीज?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस्केमिक हार्ट डिजीज (Ischemic Heart Disease) तब होती है, जब हृदय की धमनियां संकरी हो जाती हैं और रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।
इसके कारण हृदय को ऑक्सीजन और पोषक तत्व सही मात्रा में नहीं मिल पाते, जिससे दिल का दौरा (हार्ट अटैक) और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
हार्मोनल गर्भनिरोधक कैसे काम करते हैं?
हार्मोनल गर्भनिरोधक दवाएं शरीर में ऐसे बदलाव लाती हैं, जिससे गर्भधारण रुक जाता है:
अंडाशय से अंडों का निकलना रोकती हैं।
गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में बदलाव कर शुक्राणु के प्रवेश को कठिन बनाती हैं।
गर्भाशय की परत को पतला कर देती हैं, जिससे भ्रूण का विकास संभव नहीं हो पाता।
हालांकि, इन्हीं कारणों से कुछ महिलाओं को बांझपन (Infertility) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
क्या करें?
डॉक्टर से परामर्श लें और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गर्भनिरोधक का चयन करें।
हार्मोनल और नॉन-हार्मोनल गर्भनिरोधकों के बीच अंतर समझें।
यदि आप पहले से हृदय रोग या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो इन दवाओं का इस्तेमाल न करें।
निष्कर्ष:
गर्भनिरोधक गोलियां सुविधाजनक जरूर हैं, लेकिन इनके संभावित नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर आप इनका इस्तेमाल कर रही हैं या करने की सोच रही हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है। सही जानकारी और सतर्कता से आप अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकती हैं!
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