निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बृहस्पतिवार को खेल पारिस्थितिकी तंत्र के हिस्सेदारों से अनुरोध में कहा है कि वे खिलाड़ियों से पदक जीतने वाले रोबोट की तरह नहीं बल्कि इंसान की तरह ही बर्ताव करें। बिंद्रा जोकि 2008 में स्वर्ण पदक विजेता रहचुके है इन्हींने कहा,”पहली प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि एथलीटों को इंसान की तरह समझें और उनके साथ पदक विजेता रोबोट की तरह व्यवहार न करें। एथलीटों के साथ विश्वास और सम्बन्ध बनाना महत्वपूर्ण है और एथलीटों के मानसिक तथा भावात्मक उत्थान के लिए पूरी तरह धैर्य रखना चाहिए।”
स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है जो केवल खिलाड़ियों के लिए नहीं बल्कि कोचों के लिए भी जरूरी है तथा खेल मनोवैज्ञानिकों को उनके साथ काफी सयंम बरतना चाहिए।
उनका खान है की ‘खिलाड़ियों के साथ भरोसा और रिश्ता पहले तो रिश्ता बनाया जाए है। खिलाड़ियों के साथ मानसिक विकास के लिए खेल मनोवैज्ञानिक को धैर्य बरतनेकी जरूरत है।’’
बिंद्रा ने कहा, ”जिन निशानेबाजों ने टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लिया और जो पेरिस में हिस्सा लेने जा रहे हैं उनकी सोच में बड़ा अंतर आया है। एथलीटों को देखना होगा कि आज वे कहां हैं न कि चार साल पहले वे कहां थे। ”