कब्ज से राहत पाने के लिए अपनाएं ये हेल्दी आदतें

लाइफस्टाइल डिजीज इन दिनों बहुत आम हो गए हैं, जिनमें से पेट से जुड़ी समस्याएं सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। कब्ज पेट से जुड़ी एक सामान्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को पेट में मरोड़े, असहजता और फ्रेश होने में दिक्कत होती है। कब्ज का मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल है, जिसमें खराब खानपान और गलत आदतें शामिल होती हैं, जैसे शराब का सेवन, अपर्याप्त नींद, आदि।

कब्ज से होने वाली समस्याएं:
पाचन तंत्र कमजोर होना:
आंतों में अधिक मल जमा होने से पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है।
बवासीर का जोखिम:
लंबे समय तक कब्ज रहने से फ्रेश होने में कठिनाई होती है, जिससे बवासीर होने का खतरा बढ़ सकता है।
हानिकारक तत्वों का शरीर में वापस आना:
मल में मौजूद हानिकारक तत्व शरीर में वापस जा सकते हैं, जिससे सेहत बिगड़ सकती है।
आंतों में सूजन और इन्फेक्शन:
कब्ज के कारण आंतों में सूजन और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
कोलन कैंसर का खतरा:
बार-बार कब्ज होने से कोलन कैंसर का रिस्क भी बढ़ सकता है।
एक्सपर्ट की सलाह:
डॉक्टर बताती हैं कि कब्ज की समस्या इतनी गंभीर हो सकती है कि कई लोग हफ्ते में केवल तीन बार फ्रेश हो पाते हैं। उन्हें फ्रेश होने में इतना दबाव महसूस होता है कि उन्हें शरीर का पूरा प्रेशर लगाना पड़ता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है और कभी-कभी बड़ी आंतों में संक्रमण भी हो सकता है।

कब्ज से बचने के उपाय:
डॉक्टर के अनुसार, कब्ज से बचने के लिए हमें अपनी दिनचर्या में कुछ स्वस्थ आदतें अपनानी चाहिए:

रोजाना व्यायाम करें:
व्यायाम से शरीर फ्लेक्सिबल रहता है और पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है।
फाइबर का सेवन बढ़ाएं:
डाइट में ज्यादा फाइबर और कम कार्बोहाइड्रेट शामिल करें।
हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाएं:
खासतौर पर हरी सब्जियां कब्ज से राहत देने में सहायक होती हैं।
पर्याप्त पानी पिएं:
पानी की सही मात्रा शरीर में पानी की कमी को दूर करती है और कब्ज को रोकती है।
एक्सपर्ट की और सलाह:
डॉक्टर बताती हैं कि कब्ज जीवनशैली से संबंधित रोग हैं, जो मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के कारण होते हैं। जब मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है, तो कब्ज की समस्या ज्यादा होती है। फाइबर से भरपूर आहार मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा, बुजुर्गों को इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण दवाओं का सहारा लेना पड़ सकता है।

सही खानपान और जीवनशैली को अपनाकर आप कब्ज जैसी समस्याओं से बच सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

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