आयुर्वेद के अनुसार, अच्छा स्वास्थ्य अच्छे पाचन से शुरू होता है। अगर पाचन कमजोर है, तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।पाचन तंत्र हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन को पचाने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। अगर पाचन तंत्र मजबूत होता है, तो हम स्वस्थ और ऊर्जावान रहते हैं।लेकिन, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब खानपान की वजह से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है।
इसके लक्षणों में अपच, एसिडिटी, दिल जलना, कब्ज, दस्त,पेट फूलना और भूख न लगना शामिल हैं।
यहां 5 आयुर्वेदिक चीजें दी गई हैं जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं जो पाचन को मजबूत बनाने में मदद कर सकती हैं:
अदरक: अदरक एक प्राचीन औषधि है जिसका उपयोग पाचन समस्याओं के इलाज के लिए सदियों से किया जाता रहा है। यह पाचन रसों को उत्तेजित करने, गैस और अम्लता को कम करने और आंतों की गति को बेहतर बनाने में मदद करता है।
आप अदरक को चाय में डालकर, खाने में मसाले के रूप में इस्तेमाल करके, या अदरक का अचार खाकर सेवन कर सकते हैं।
हल्दी: हल्दी में करक्यूमिन नामक एक यौगिक होता है जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह पाचन तंत्र को सूजन से बचाने,पाचन को बेहतर बनाने और यकृत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
आप हल्दी को दूध में मिलाकर हल्दी वाला दूध पी सकते हैं,खाने में मसाले के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, या हल्दी की चाय पी सकते हैं।
जीरा: जीरा एक पाचक और भूख बढ़ाने वाला होता है। यह पाचन रसों को उत्तेजित करने, गैस और अम्लता को कम करने और आंतों की गति को बेहतर बनाने में मदद करता है।
आप जीरे को भोजन के बाद छाछ में मिलाकर पी सकते हैं,खाने में मसाले के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, या जीरा पानी पी सकते हैं।
त्रिफला: त्रिफला तीन उपयोगी जड़ी-बूटियों का मिश्रण है: आंवला, बहेड़ा और हरीतकी। यह एक शक्तिशाली पाचक और रक्त शोधक होता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने, कब्ज से राहत दिलाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
आप त्रिफला को चूर्ण के रूप में सुबह खाली पेटगर्म पानी के साथ ले सकते हैं, या त्रिफला काढ़ा पी सकते हैं।
अमला: आंवला विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने, कब्ज से राहत दिलाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
आप आंवले का जूस पी सकते हैं,आंवले का मुरब्बा खा सकते हैं, या आंवले का चूर्ण सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।
इन 5 आयुर्वेदिक उपायों के अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना,नियमित व्यायाम करना, तनाव कम करना और स्वस्थ आहार
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