बटन दबाते ही अकाउंट खाली! जानिए IVR कॉल स्कैम का सच

जैसे-जैसे दुनिया में टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे स्कैमर्स भी नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। इन दिनों एक नया फ्रॉड तेजी से फैल रहा है जिसे कहा जाता है—फेक IVR कॉल स्कैम। इसमें स्कैमर्स बैंक या सरकारी एजेंसी के नाम पर फर्जी कॉल कर आपके खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।

आइए जानते हैं, IVR कॉल स्कैम क्या है, ये कैसे काम करता है, और इससे बचने के आसान उपाय। 🛡️

📲 IVR सिस्टम क्या होता है?
IVR (Interactive Voice Response) एक ऑटोमेटेड फोन सिस्टम है जिसका इस्तेमाल बैंक, टेलीकॉम कंपनियां, और कस्टमर सर्विस हेल्पलाइन करती हैं।

जब आप किसी हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं तो आपको आवाज सुनाई देती है—
“अंग्रेजी के लिए 1 दबाएं, हिंदी के लिए 2 दबाएं”
या फिर—
“बैलेंस जानने के लिए 3 दबाएं, कस्टमर केयर से बात करने के लिए 9 दबाएं”
इस सिस्टम को देखकर स्कैमर्स ने भी ठगी का नया तरीका निकाला है। अब वे भी फर्जी IVR सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं और जैसे ही आप उनके कहे अनुसार बटन दबाते हैं, आपके खाते से पैसे साफ कर देते हैं।

💰 फेक IVR स्कैम कैसे होता है?
स्कैमर्स आपको कॉल करके खुद को किसी बड़े बैंक या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं।

एक सच्ची घटना:
बेंगलुरु की एक महिला को 20 जनवरी को एक कॉल आया जिसमें कॉलर ID पर “SBI” लिखा हुआ दिख रहा था। महिला का खाता भी SBI में ही था, जिससे वह कॉल पर भरोसा कर बैठीं।

कॉल पर बताया गया कि उनके खाते से 2 लाख रुपये ट्रांसफर हो रहे हैं।
पैसे रोकने के लिए महिला से कहा गया कि वे कुछ बटन दबाएं।
जैसे ही उन्होंने निर्देशों का पालन किया, उनके खाते से पैसे कट गए।
स्कैमर्स “डर और जल्दबाज़ी” का फायदा उठाकर लोगों को फंसा लेते हैं।

⚠️ IVR स्कैम के प्रमुख हथकंडे (Scammer के ट्रिक्स)
कॉलर ID स्पूफिंग:
स्कैमर ऐसे नंबर से कॉल करते हैं जो दिखने में किसी बैंक या सरकारी एजेंसी जैसा लगता है।

वॉयस क्लोनिंग:
कॉल पर आवाज भी बैंक के असली IVR सिस्टम जैसी होती है जिससे आपको शक नहीं होता।

डर पैदा करना:
स्कैमर कहते हैं—

“आपका खाता 2 घंटे में ब्लॉक हो जाएगा”
“गलत ट्रांजैक्शन हो गया है, तुरंत रोकिए”
“अगर अभी बटन नहीं दबाया तो पैसे कट जाएंगे”
इस डर के कारण लोग बिना सोचे-समझे बटन दबा देते हैं।

🚩 कैसे पहचानें फेक IVR कॉल? (फेक कॉल की पहचान)
OTP या CVV की मांग:

अगर कॉल करने वाला आपसे OTP, CVV या पासवर्ड मांग रहा है तो यह 100% फेक कॉल है।
असली बैंक कभी भी फोन पर ऐसी जानकारी नहीं मांगता।
जल्दी फैसला लेने का दबाव:

अगर कॉलर आपको तुरंत कोई कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहा है, तो सतर्क हो जाएं।
धमकाने वाली भाषा:

“अगर अभी नहीं किया तो अकाउंट फ्रीज हो जाएगा” जैसे शब्द फेक कॉल का बड़ा संकेत हैं।
कॉल बैक करके जांचें:

अगर आपको किसी बैंक से कॉल आती है, तो तुरंत फोन काटें और बैंक के ऑफिशियल कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके पुष्टि करें।
🛡️ फेक IVR स्कैम से बचने के तरीके
✅ सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है:

कभी भी OTP, CVV, पासवर्ड या पर्सनल जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
किसी भी संदिग्ध कॉल पर जल्दबाजी में फैसला न लें।
बैंक के ऑफिशियल ऐप या वेबसाइट से जानकारी की पुष्टि करें।
अगर आपको शक हो तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
📢 अंत में एक जरूरी सलाह:
“सोचें, समझें, और फिर जवाब दें।”
आज के डिजिटल युग में सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। अगर आपको लगता है कि आप किसी स्कैम का शिकार हो चुके हैं, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें और नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाएं।

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