आयुर्वेद में बुखार को शरीर का प्राकृतिक तरीका माना जाता है जिसके द्वारा वह खुद को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है। हालांकि, बुखार के दौरान कुछ चीजें करने से स्थिति और बिगड़ सकती है। आइए जानते हैं कि बुखार आने पर आयुर्वेद के अनुसार क्या नहीं करना चाहिए:
क्या न करें:
- ठंडे पानी से नहाएं: ठंडे पानी से नहाने से शरीर का तापमान अचानक गिर सकता है, जिससे बुखार बढ़ सकता है और शरीर कमजोर हो सकता है।
- ठंडी चीजें खाएं: आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स आदि का सेवन करने से शरीर का तापमान और कम हो सकता है।
- भारी भोजन करें: भारी भोजन करने से पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बुखार ठीक होने में समय लग सकता है।
- शारीरिक मेहनत करें: बुखार के दौरान शरीर को आराम की आवश्यकता होती है। शारीरिक मेहनत करने से शरीर और कमजोर हो सकता है।
- दवाओं का अंधाधुंध सेवन करें: बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन करने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- कमरे को बहुत ठंडा रखें: कमरे को बहुत ठंडा रखने से शरीर का तापमान बढ़ाने की कोशिश में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
क्या करें:
- गर्म पानी से नहाएं: गर्म पानी से नहाने से शरीर को आराम मिलता है और पसीना आने से शरीर का तापमान कम होता है।
- हल्का और पौष्टिक भोजन करें: दलिया, चावल, सूप आदि हल्का भोजन करें।
- आराम करें: जितना हो सके आराम करें।
- गर्म पानी पिएं: गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- आयुर्वेदिक उपचार: आयुर्वेद में बुखार के लिए कई प्रकार की जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं।
ध्यान दें: यदि बुखार बहुत अधिक हो या लंबे समय तक रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
आयुर्वेद के अनुसार, बुखार को शरीर का एक प्राकृतिक तरीका मानकर इसका इलाज किया जाता है। उपरोक्त सुझावों का पालन करके आप बुखार को जल्दी ठीक कर सकते हैं।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा एक डॉक्टर से सलाह लें।
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