आमिर खान की 2014 में आई फिल्म ‘पीके’ ने जहां बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़े थे, वहीं इसे लेकर विवाद भी कम नहीं हुए थे। फिल्म पर आरोप लगाए गए थे कि ये एक खास धर्म को टारगेट करती है और ‘लव जिहाद’ को प्रमोट करती है।
अब 10 साल बाद, आमिर खान ने इन आरोपों पर खुलकर जवाब दिया है और बताया है कि फिल्म का असली मकसद क्या था।
🗣️ आमिर का बयान: “हर धर्म का करते हैं सम्मान”
इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में आमिर खान ने कहा:
“हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हम हर मजहब की इज्जत करते हैं। फिल्म ‘पीके’ का मकसद उन लोगों को एक्सपोज़ करना था जो धर्म के नाम पर मासूमों को ठगते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि हर धर्म में कुछ लोग होते हैं जो धार्मिक विश्वास का फायदा उठाकर आम लोगों से पैसा और आस्था दोनों छीन लेते हैं। फिल्म का उद्देश्य था — ऐसे लोगों से सावधान रहना।
💬 “प्यार को लव जिहाद कहना इंसानियत के खिलाफ”
‘लव जिहाद’ के आरोपों पर आमिर ने कहा:
“जब दो लोग दिल से एक-दूसरे से प्यार करते हैं, तो उनका धर्म नहीं देखा जाता। ये इंसानियत की बात है। हर शादी लव जिहाद नहीं होती।”
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि समाज को चाहिए कि वो हर अंतरधार्मिक रिश्ते को शक की नजर से देखना बंद करे।
🎬 अगली फिल्म: ‘सितारे ज़मीन पर’
आमिर खान इस समय अपनी अगली फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ की रिलीज की तैयारियों में व्यस्त हैं। यह फिल्म 20 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है।
फिल्म की थीम इंसानियत, समानता और शिक्षा जैसे मुद्दों को छूती है — जो आमिर की फिल्मों की खासियत भी रही है।
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