देवाधिदेव भगवान शिव के प्रिय मास श्रावण के पहले सोमवार के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी और तीर्थराज प्रयाग समेत समूचे उत्तर प्रदेश में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।
शिवालयो में घंटा घडियाल की गूंज और हर हर बम बम के नारे भोर तीन बजे मंगला आरती के समय से ही लगने शुरु हो गये थे। काशी में श्री विश्वनाथ धाम में तिल रखने की जगह नहीं है। गंगा तट पर स्नान करने के बाद श्रद्धालु कतारबद्ध होकर अपने आराध्य का दर्शन पूजन करने को लालयित दिखे। इस अवसर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं। सादी वर्दी में पुलिस के जवान और सीसीटीवी के अलावा ड्रोन से भी अवांछनीय तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
उधर, प्रयागराज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शिवालयों में शिवभक्त बड़ी संख्या में दर्शन-पूजन करने पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा भीड़ यमुना के किनारे स्थित मनकामेश्वर मंदिर में पहुंची। यहां भोर से ही श्रद्धालु भगवान शिव का दर्शन करने के लिए पहुंचने लगे थे। जगह कम होने की वजह से श्रद्धालुओं की लंबी लाइन सड़क पर लग गई। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यहां सावन के महीने में जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर में पुरुष और महिला भक्तों के दर्शन के लिए अलग-अलग बैरिकेडिंग कराई गई।
प्रयागराज के लगभग सभी शिवालयों में सोमवार को हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए श्रद्धालु प्रवेश कर रहे हैं और दर्शन पूजन कर रहे हैं। शिवलिंगों पर गंगाजल,दूध, बेलपत्र, शहद, दही- गुण से अभिषेक कर रहे हैं। शिवालयों में रूद्राभिषेक चल रहा है। गंगा तट पर स्थित नागवासुकि मंदिर, शिवकुटी में स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर, शिव कचहरी,सोमेश्वर महादेव मंदिर, पडिला महादेव मंदिर, तक्षक तीर्थ, शिवकोटि मंदिर और दशाश्वमेध मंदिर समेत तमाम दूसरे शिवालयों में हर-हर महादेव के उद्घोष से पूरा मंदिर परिसर गूंज रहा है। इसके अलावा सिविल लाइंस स्थित हनुमत निकेतन मंदिर, बंधवा स्थित बड़े हनुमानजी मंदिर में भी भक्तों की दर्शन-पूजन की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। श्रद्धालु लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते भी नजर आ रहे हैं।
भदोही जिले के तिलंगा में परम पावनी मंदाकिनी के तट पर अवस्थित द्वापर युगीन बाबा तिलेश्वरनाथ धाम श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही कांवरियों की चहल कदमी से गुलजार हो रहा है। विभिन्न ऋतुओं में रंग व स्वरूप बदलने वाला यह शिवलिंग शिव भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
काशी-प्रयाग के मध्य भदोही जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर गोपीगंज क्षेत्र में गंगा नदी के तट पर तिलंगा गांव में स्थित बाबा तिलेश्वर नाथ का ऐतिहासिक व पौराणिक मंदिर सावन के महीने में हिंदू आस्था से ओतप्रोत हो रहा है। प्रयाग स्थित गंगा, जमुना व सरस्वती नदियों की पावन स्थली से कांवड़ लेकर निकालने वाले अधिकांश शिव भक्त बाबा तिलेश्वर नाथ धाम में माथा टेकने के बाद ही काशी विश्वनाथ के धाम में जलाभिषेक के लिए आगे बढ़ते हैं।
मान्यता है कि द्वापर युग में अपने अज्ञातवास के दौरान पांडु पुत्र युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल व सहदेव ने इस अद्भुत शिवलिंग की स्थापना की थी। जहां कई दिनों तक ठहरकर भगवान शिव की आराधना करने के उपरांत अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए थे।
बागपत के पुरा महादेव गांव स्थित ऐतिहासिक भगवान परशुरामेश्वर महादेव मंदिर पर सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह आठ बजे तक 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान आशुतोष पर जलाभिषेक कर परिवार में सुख शांति की कामना की। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर के बाहर और अंदर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा।
लखीमपुर खीरी में प्राचीन भुईफोरवानाथ मंदिर, लिलौटी नाथ मंदिर और देवकली समेत कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहीं जिले के प्राचीन छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ में भोर की पहली किरण के साथ कांवड़ियों का सैलाब उमड़ने लगा। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच पचास हजार से ज्यादा भक्तों ने गोला छोटी काशी काशी में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया।
भुई फोरवानाथ मंदिर में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर से बाहर तक लंबी कतारों में खड़े दिखाई दिए। वहीं अन्य मंदिरों का भी यही हाल रहा। मेला मैदान रोड स्थित भूईफोरवा नाथ मंदिर में काफी सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था,छह बजे से यहां भक्तों ने आना शुरू कर दिया था, भोलेनाथ का जलाभिषेक, फूल, बेलपत्र, धतूरा, भांग के साथ दूध से भक्तों ने यहां पर अभिषेक किया।
लखनऊ में मनकामेश्वर मंदिर में भोर से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। पूजन सामग्री और जल हाथ में लिये श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिये कतारबद्ध हैं। दर्शन पूजन का यह क्रम देर शाम तक चलेगा। इसके अलावा बुद्धेश्वर महादेव समेत जिले के तमाम छोटे बड़े शिवालयों में दर्शन पूजन का क्रम जारी है। बाराबंकी में लोधेश्चर महादेवा में कांवड़ियों का रेला भोर दो बजे से ही कतारबद्ध हो गया था। प्रदेश के विभिन्न पवित्र नदियों का जल कांवड़ में भर कर मीलों की दूरी तय कर आये कांवडिये जलाभिषेक कर प्रफुल्लित नजर आये।
कानपुर के परमट क्षेत्र में स्थित बाबा आंनदेश्वर मंदिर में भोर दो बजे से ही जलाभिषेक और दर्शन पूजन का क्रम शुरु हो गया था। गंगा तट पर स्थित मंदिर में हर हर बम बम की गूंज दूर तक सुनायी दे रही थी। इस अवसर पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये थे।वनखंडेश्चर,सिद्धेश्वर,नागेश्वर मंदिर समेत अनेक शिवालयों पर भक्तों की भीड़ देर शाम तक थमने का नाम नहीं ले रही थी।
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