यूरिक एसिड हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, लेकिन जब हम खाने में प्यूरिन की अधिकता लेते हैं, तो रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इससे किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाती और यूरिक एसिड जोड़ों में क्रिस्टल बनाकर जमा होने लगता है। इसका परिणाम होता है जोड़ों में तेज दर्द, जिससे चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो घर पर मौजूद तेजपत्ते से आराम पा सकते हैं। तेजपत्ता यूरिक एसिड को कम करने में बेहद कारगर होता है। आइए जानते हैं कैसे।
तेजपत्ता: पोषक तत्वों का खजाना
यूरोपियन यूनियन डिजिटल लाइब्रेरी की एक रिसर्च के मुताबिक, तेजपत्ता में विटामिन C, विटामिन E, कैरोटीनॉयड, और फ्लेवोनोइड जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। ये तत्व यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मददगार होते हैं। तेजपत्ता शरीर से प्यूरिन जैसे हानिकारक तत्वों को निकालता है और इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द को भी कम करते हैं। साथ ही, यह म्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी सहायक है।
तेजपत्ते की चाय कैसे बनाएं?
15-20 तेजपत्ते लें और उन्हें अच्छी तरह धो लें।
एक पैन में 3 गिलास पानी डालें और तेजपत्ते उसमें डालें।
पानी को उबालें और तब तक पकाएं जब तक यह लगभग 1 गिलास रह जाए।
इसे छानकर रोजाना पीएं।
इस चाय के नियमित सेवन से आपका यूरिक एसिड नियंत्रण में रहेगा और जोड़ों का दर्द कम होगा।
तेजपत्ते के और फायदे:
ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
ब्रोंकाइटिस, खांसी, अस्थमा और इन्फ्लूएंजा जैसी सांस की बीमारियों में राहत देता है।
किडनी की सेहत सुधारता है।
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