बांग्लादेश में मुख्य सलाहकार प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलों ने उनके समर्थकों के बीच हड़कंप मचा दिया है। उनके विशेष सहायक फैज अहमद तैयब ने सोशल मीडिया पर जोरदार अपील करते हुए कहा कि यूनुस को पद नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि बांग्लादेश के शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक संक्रमण के लिए उनकी मौजूदगी जरूरी है, सत्ता के लिए नहीं।
फैज ने कहा कि सरकार को अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है। उन्होंने कैबिनेट, सलाहकारों और समग्र सरकारी तंत्र से जनता के सामने ठोस प्रगति पेश करने की मांग की। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को यह दिखाना होगा कि उसके भीतर कोई मतभेद नहीं है।
फैज ने सेना प्रमुख को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि एक आधुनिक और सभ्य राष्ट्र की सेना को राजनीति से दूर रहना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सेना को जनता का सम्मान अर्जित करना चाहिए, न कि राजनीतिक बयानबाज़ी से उसे गंवाना चाहिए।
राजनीतिक दलों से संवाद की मांग
फैज ने सरकार को सलाह दी कि वह अब सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ नियमित और गंभीर संवाद शुरू करे। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील दौर में अलगाव की कोई गुंजाइश नहीं है, समावेश ही स्थिरता की कुंजी है।
अप्रैल-मई में संभावित चुनाव
फैज ने अनुमान जताया कि यदि आवश्यक तैयारियाँ पूरी हो जाती हैं तो अप्रैल या मई 2025 में चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका निजी अनुमान है और अंतिम निर्णय “साहब” (संभवत: प्रो. यूनुस) ही लेंगे।
तख्तापलट की सालगिरह पर होगा भव्य समारोह
फैज ने अपने पोस्ट में यह भी बताया कि जुलाई-अगस्त 2025 में तख्तापलट की पहली सालगिरह को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इसी दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ पहला फैसला भी सामने आएगा।
अंत में नारा दिया:
“ना हारेंगे, ना झुकेंगे! इंकलाब ज़िंदाबाद, प्रोफेसर यूनुस ज़िंदाबाद, बांग्लादेश ज़िंदाबाद!”
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