नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ईडी के अनुसार, सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के पद का दुरुपयोग कर अपने बेटे को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यंग इंडियन कंपनी के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े संस्थानों की संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित किया।
ईडी के दस्तावेजों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने यंग इंडियन को 90.21 करोड़ रुपये की राशि बिना किसी प्रतिफल के दी, जिससे यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 76% हिस्सेदारी हासिल की। इसके माध्यम से राहुल गांधी को 38.4% शेयर का स्वामित्व प्राप्त हुआ।
ईडी ने सवाल उठाया है कि जब ‘प्रॉजेक्ट ऑफ पब्लिक ब्रॉड इंटरेस्ट’ के तहत यह काम हो रहा था, तो उस प्रक्रिया में पारदर्शिता क्यों नहीं बरती गई? एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि एजेएल की अचल संपत्तियों से बिना उचित प्रक्रिया के और अवैध रूप से लाभ उठाया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।
इसके अतिरिक्त, ईडी ने यह भी बताया कि कैसे 988 करोड़ रुपये की संपत्तियों का नियंत्रण एक ऐसे ट्रस्ट के माध्यम से स्थापित किया गया, जिसमें गांधी परिवार का प्रत्यक्ष हित था। इन संपत्तियों से कथित तौर पर 142 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई हुई।
ईडी के अनुसार, इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया अपनाई गई, जिसमें एजेएल और यंग इंडियन के बीच हुए वित्तीय लेन-देन को प्रमुख आधार बनाया गया है। एजेंसी का कहना है कि यह मामला न केवल वित्तीय अनियमितता का है, बल्कि राजनीतिक और नैतिक स्तर पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।