अहमदाबाद के धोलका तहसील से एक चौंकाने वाला स्टिंग ऑपरेशन सामने आया है, जिसमें एक स्थानीय माफिया ‘कमलेश भाई’ द्वारा गरीब और भोले-भाले किसानों के शोषण का खुलासा हुआ है। वीडियो में कमलेश भाई स्वयं यह स्वीकार करता दिखाई देता है कि वह किसानों को ऊँचे ब्याज दरों — 5% से 6% प्रति माह — पर कर्ज देता है और फिर उनकी ज़मीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा लेता है।
किसान जब कर्ज चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो उन्हें मजबूर होकर ज़मीन बेचनी पड़ती है। लेकिन माफिया इसके लिए भी मोटी रकम वसूल करता है। इस तरह किसान न केवल आर्थिक रूप से बर्बाद होते हैं, बल्कि अपनी पुश्तैनी ज़मीन से भी हाथ धो बैठते हैं।
इस स्थिति की सबसे बड़ी वजह यह है कि इन किसानों को बैंक से कर्ज नहीं मिलता। मजबूरी में वे ऐसे अवैध स्रोतों से ऋण लेने को मजबूर हो जाते हैं, जो उन्हें धीरे-धीरे पूरी तरह बर्बाद कर देते हैं।
इस गंभीर समस्या को उठाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता तंजीम मेरानी ने भारत सरकार के कृषि मंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है। मेरानी ने पत्र में कहा है कि ऐसी परिस्थितियाँ किसानों को आत्महत्या जैसे चरम कदम उठाने के लिए मजबूर कर रही हैं, और सरकार को चाहिए कि वह ऐसे माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करे।
सामाजिक कार्यकर्ता तंजीम मेरानी इस स्टिंग ऑपरेशन वाले वीडियो को अपने कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को दिखाएंगी ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके।
तंजीम मेरानी ने यह भी आग्रह किया है कि सरकार को किसानों के लिए वैकल्पिक और सुलभ कर्ज व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि उन्हें अवैध सूदखोरों के चंगुल में फँसने से बचाया जा सके।
यह मामला भारत के ग्रामीण इलाकों में व्याप्त एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है, जहां किसान वित्तीय संस्थानों की पहुंच से बाहर रहकर माफियाओं के शोषण का शिकार हो रहे हैं। सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द कड़े कदम उठाकर इन माफियाओं पर नकेल कसनी चाहिए और किसानों के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद कर्ज व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।