बालों में तेल की मसाज से न केवल रिलैक्सेशन मिलता है, बल्कि बालों को गहरे पोषण की भी प्राप्ति होती है। भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला तेल नारियल का तेल है, लेकिन अब लोग ऑर्गेनिक और माइल्ड तेलों का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। तिल और रोजमेरी तेल इस मामले में खासा लोकप्रिय हैं। दोनों तेल बालों और स्कैल्प के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इन दोनों के अपने-अपने गुण हैं, जो बालों को पोषण देने का काम करते हैं। आइए जानते हैं दोनों तेलों के फायदों के बारे में और समझते हैं कि कौन सा तेल आपके लिए सबसे बेहतर हो सकता है।
तिल के तेल के फायदे
पोषण से भरपूर
तिल के तेल में विटामिन-ई, बी कॉम्प्लेक्स और खनिज तत्व होते हैं, जो बालों की जड़ों को गहराई से पोषण देते हैं।
स्कैल्प को मजबूत बनाए
यह तेल बालों के स्कैल्प को मजबूत करने में मदद करता है और रूसी जैसी समस्याओं से भी राहत दिला सकता है।
बालों में चमक और वॉल्यूम
तिल के तेल के नियमित इस्तेमाल से बालों का वॉल्यूम और चमक बढ़ती है। इसके अलावा, यह बालों के टेक्सचर को भी सुधारता है।
रोजमेरी तेल के फायदे
बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देता है
रोजमेरी का तेल बालों की ग्रोथ को बढ़ाने में मदद करता है। यह रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे बालों को बेहतर पोषण मिलता है।
हेयर फॉल को कम करता है
यह तेल बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है और बालों के झड़ने की समस्या को कम करने में मदद करता है।
एंटीफंगल गुणों से भरपूर
रोजमेरी तेल में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो डैंड्रफ और खुजली की समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।
दोनों में से कौन सा तेल है बेहतर?
हालांकि, इस बात की कोई ठोस पुष्टि नहीं है कि कौन सा तेल ज्यादा प्रभावी है, लेकिन आप अपनी जरूरत के अनुसार तेल का चयन कर सकते हैं। यदि बालों की ग्रोथ बढ़ानी हो, तो तिल का तेल आपके लिए बेहतर हो सकता है। वहीं, अगर बाल झड़ रहे हैं, तो रोजमेरी तेल का उपयोग किया जा सकता है। अगर दोनों समस्याएं हैं, तो आप दोनों तेलों को मिलाकर हल्का गर्म कर सकते हैं और बालों में मसाज कर सकते हैं। इससे दोनों तेलों के फायदे मिलेंगे।
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