धर्मेंद्र नहीं, गिरीश कर्नाड थे हेमा मालिनी के मां के फेवरेट दामाद

बॉलीवुड की सबसे आइकॉनिक जोड़ियों में से एक, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की प्रेम कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। आज भले ही दोनों की जोड़ी को लोग आदर्श मानते हैं, लेकिन उनके रिश्ते तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं था। खासकर हेमा की मां उनके इस प्यार के खिलाफ थीं।

👩‍👧‍👦 हेमा मालिनी की मां चाहती थीं गिरीश कर्नाड को अपना दामाद
19 मई को मशहूर लेखक, अभिनेता और निर्देशक गिरीश कर्नाड की 87वीं जयंती है। इस मौके पर हेमा मालिनी और गिरीश कर्नाड से जुड़ा एक अनसुना किस्सा सामने आया है।

मायापुरी मैगज़ीन के 250वें अंक में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, हेमा मालिनी की मां को गिरीश कर्नाड बहुत पसंद थे और वो चाहती थीं कि उनकी बेटी की शादी उन्हीं से हो।

इतना ही नहीं, उन्होंने हेमा और गिरीश को एक साथ कास्ट करते हुए एक फिल्म भी प्रोड्यूस की थी — ‘रत्नदीप’, जिसमें दोनों लीड रोल में थे। उम्मीद थी कि शूटिंग के दौरान दोनों करीब आएंगे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था।

💔 जब धर्मेंद्र की एंट्री ने सब बदल दिया
उस दौरान हेमा मालिनी पहले से ही धर्मेंद्र को डेट कर रही थीं। वहीं, ‘रत्नदीप’ भी बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। इसके बाद हेमा की शादी की बात एक्टर जितेंद्र से तय हुई, लेकिन सगाई के दिन धर्मेंद्र ने ऐसा हंगामा मचाया कि वो रिश्ता भी टूट गया।

आखिरकार, हेमा मालिनी ने अपने माता-पिता को धर्मेंद्र के लिए मना लिया और दोनों ने 1980 में शादी कर ली।

🎭 गिरीश कर्नाड का फिल्मी सफर
जन्म: 19 मई 1938, महाराष्ट्र के एक मराठी परिवार में

निधन: 10 जून 2019

गिरीश कर्नाड ने बतौर लेखक और अभिनेता कई कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया।
उनका स्क्रीनराइटिंग करियर ‘संस्कार’ (1970) से शुरू हुआ।
वो FTII (पुणे) के डायरेक्टर भी रहे (1974-75)।

टीवी के मशहूर शो ‘मालगुड़ी डेज़’ में भी वे नजर आए थे।

प्रमुख हिंदी फिल्में:

‘स्वामी’

‘उत्सव’

‘मंथन’

‘निशांत’

‘इकबाल’

‘डोर’

‘एक था टाइगर’

‘टाइगर जिंदा है’

‘आशाएं’

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