पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की संभावनाओं के बीच मध्य पूर्व (Middle East) का दौरा किया, लेकिन इस बार इजराइल को अपने कार्यक्रम से बाहर रखकर सबको चौंका दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने सीरिया के नए नेता अल-शरा से मुलाकात की और सीरिया पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध भी हटा दिए, जिससे यह संकेत मिला कि अमेरिका और इजराइल के रिश्तों में दरार आ सकती है।
क्या ट्रंप और नेतन्याहू के बीच दूरियां बढ़ रही हैं?
जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से निराश हैं, तो ट्रंप ने साफ कहा, “नहीं, वो बहुत मुश्किल हालात में हैं।” उन्होंने आगे कहा कि 7 अक्टूबर को जो हुआ, वह दुनिया के सबसे हिंसक दिनों में से एक था और उस दिन की घटनाओं ने नेतन्याहू को गहरा आघात पहुंचाया।
गाज़ा को लेकर मतभेद?
हालिया समय में गाज़ा में सीजफायर को लेकर ट्रंप और नेतन्याहू के बीच मतभेद की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस पर ट्रंप ने कहा, “मैं नेतन्याहू का गुस्सा समझ सकता हूं। 7 अक्टूबर के हमले से वह बेहद आहत हुए हैं।” हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि उनका सऊदी अरब, कतर और UAE का दौरा इजराइल के हित में है।
इजराइल को किनारे कर बंधक छुड़वाया
ट्रंप ने अमेरिका के एक बंधक एडन अलेक्जेंडर की रिहाई के लिए सीधे हमास से बातचीत की। इस प्रक्रिया में इजराइल की कोई भागीदारी नहीं रही। हमास ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के साथ गाज़ा में मानवीय सहायता और युद्धविराम वार्ता को लेकर समझौता किया है।
यह भी पढ़ें: