कैंसर एक घातक बीमारी है, जिसे सुनते ही लोग डर और चिंता में पड़ जाते हैं। कैंसर कई प्रकार का हो सकता है, जैसे ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर, और मौखिक कैंसर। लिप कैंसर या होठों का कैंसर, कैंसर के प्रमुख प्रकारों में से एक है, जो अक्सर तंबाकू, गुटखा और सूरज की किरणों के अत्यधिक संपर्क से होता है। इसे अक्सर मुंह के कैंसर का एक रूप माना जाता है, और इससे होठों पर घाव और सूजन दिखाई देती है। यह एक प्रकार का इंफेक्शन होता है जो होठों के सेल्स में फैलता है। आइए जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।
होठों के कैंसर के लक्षण:
होठों के कैंसर के लक्षणों को पहचानना काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि लोग अक्सर इन्हें साधारण समस्याओं के रूप में नजरअंदाज कर देते हैं। यहां कुछ शुरुआती लक्षण दिए गए हैं:
होठों और उसके आस-पास से खून बहना
दांतों में ढीलापन
होठों में सूजन और दर्द
गले और मुंह के पास दर्द होना
आवाज में बदलाव आना
होठों पर लाल या सफेद दाग होना
जीभ हिलाने में परेशानी होना
गले में घाव और कान में दर्द
खाना चबाने और बोलने में कठिनाई महसूस होना
होठों के कैंसर के कारण:
तंबाकू और गुटखा का सेवन: ज्यादा तंबाकू और गुटखा खाने से इस प्रकार का कैंसर हो सकता है।
धूप का अत्यधिक संपर्क: सूरज की किरणों से ज्यादा समय तक संपर्क भी इस कैंसर का कारण बन सकता है।
ओरल सेक्स: ओरल सेक्स के जरिए भी यह कैंसर फैल सकता है।
शराब और सिगरेट: शराब और सिगरेट का अत्यधिक सेवन होठों के कैंसर का एक कारण हो सकता है।
हुक्का: हुक्का पीने का चलन भी इस कैंसर की वजह हो सकता है।
किन लोगों को होठों के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है?
पुरुषों को महिलाओं की तुलना में इस कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
40 साल से ज्यादा उम्र के लोग इस कैंसर से प्रभावित हो सकते हैं।
जिन लोगों का तंबाकू, शराब और सिगरेट का सेवन अधिक है, उन्हें इसका खतरा ज्यादा रहता है।
ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) से संक्रमित लोग भी इस कैंसर के शिकार हो सकते हैं।
होठों के कैंसर की जांच कैसे कराएं?
होठों के कैंसर की जांच के लिए आपको किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वे होठों के घावों की पहचान करके जरूरी टेस्ट की सलाह देंगे। प्रमुख टेस्ट्स में कंप्यूटेड स्कैन, एमआरआई, पेट्रॉन एमिशन टेस्ट, चेस्ट एक्स-रे, एंडोस्कोपी और सीबीसी शामिल हैं।
कैंसर के इलाज से कितने लोगों की जान बच सकती है?
हालांकि, होठों के कैंसर में जान बचाना थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन मरीज 5 साल तक जीवित रह सकता है, खासकर यदि इसका इलाज समय पर शुरू हो। जिनके नीचे के होठों पर कार्सिनोमा फैलता है, वे पांच साल तक जीवित रह सकते हैं। लेकिन, यदि यह ऊपरी होठों में होता है, तो यह अधिक खतरनाक हो सकता है। मौखिक कैंसर के कारण गले में कैंसर हो सकता है, जो कि काफी घातक और तेजी से फैलने वाला होता है।
होठों के कैंसर से बचाव के उपाय:
तंबाकू और गुटखा का सेवन न करें।
शराब और सिगरेट का सेवन कम से कम करें।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें, खासकर दोपहर के समय।
नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ आहार लें।
दांतों का नियमित चेकअप करवाते रहें।
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