हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर, अब दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली समस्या बन चुकी है। पहले यह समस्या बुजुर्गों और फिर युवाओं में देखी जाती थी, लेकिन अब यह बच्चों और किशोरों के लिए भी एक गंभीर समस्या बन गई है। आज यानी 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जा रहा है, और इस दिन का उद्देश्य हाई बीपी के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस बार की थीम है: “हाई बीपी का सही माप करें, उसे नियंत्रण में रखें और लंबे समय तक जिएं।”
हाई बीपी के कारण बच्चों की आंखों पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है, जो उनकी सेहत के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है। आइए जानते हैं इस विषय में डॉक्टर की सलाह।
हाई बीपी की समस्या क्यों बढ़ रही है?
आजकल हाई ब्लड प्रेशर एक सामान्य समस्या बन चुकी है। इसका प्रमुख कारण बदलती जीवनशैली है। खराब लाइफस्टाइल, ज्यादा स्क्रीन टाइम, मोटापा और मानसिक तनाव इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। बच्चों के लिए यह और भी गंभीर हो सकता है, क्योंकि माता-पिता अक्सर यह नहीं समझ पाते कि हाई बीपी उनके बच्चों की आंखों पर कितना असर डाल सकता है।
आंखों पर असर
हाई बीपी के कारण हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी, रेटिनल वेन ऑक्लूजन और कभी-कभी स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है। यह तब होता है जब रक्तचाप के बढ़ने से आंखों की रेटिना में सूजन आ जाती है, जिससे रक्त का प्रवाह और सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। इससे आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है और भविष्य में गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉक्टर के अनुसार, बच्चों की आंखों की नियमित जांच बेहद जरूरी है, खासकर अगर परिवार में हाई बीपी का इतिहास हो या बच्चे में मोटापा और तनाव के लक्षण दिख रहे हों। कभी-कभी आंखों की समस्याएं हाई बीपी जैसे अन्य स्वास्थ्य मुद्दों का संकेत होती हैं, जिन्हें नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
बच्चों में हाई बीपी के संकेत
तेज सिरदर्द होना
दिल की धड़कन का तेज होना
सांस लेने में तकलीफ
आंखों की रोशनी में कमजोरी
चक्कर आना और थकावट महसूस होना
नाक से खून आना
माता-पिता रखें इन बातों का ख्याल
बच्चों की डाइट और दिनचर्या पर ध्यान दें।
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और डिजिटल स्क्रीन से दूरी बनाना बच्चों के लिए फायदेमंद रहेगा।
आंखों की समस्याओं को नज़रअंदाज़ न करें।
अगर बच्चों को आंखों में थकावट, धुंधलापन या सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दें, तो इन पर ध्यान दें और समय पर जांच करवाएं।
समय पर आई टेस्ट और डॉक्टर से सलाह लें।
इससे न केवल बच्चों की आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है, बल्कि भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
क्या बीपी का इलाज संभव है?
हालांकि, हाई बीपी को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और एंटीहाइपरटेन्सिव दवाओं का सेवन किया जा सकता है, जो डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही लिया जाना चाहिए।
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