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स्मार्टफोन पर भी लगेगी ‘रिपेयर रेटिंग’: जानिए क्या है सरकार की नई योजना

स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए अब आ रही है नई रेटिंग! जैसे एसी, फ्रिज आदि में आपने 3 स्टार या 5 स्टार रेटिंग देखी होगी, वैसे ही जल्द ही मोबाइल और टैबलेट्स पर भी एक खास रेटिंग दिखाई देगी। इस रेटिंग का मकसद होगा ग्राहकों को यह बताना कि उस डिवाइस को रिपेयर करना कितना आसान या मुश्किल है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की एक समिति ने इसकी सिफारिश कर दी है और उपभोक्ता मंत्रालय इस पर तेजी से काम कर रहा है।

क्यों जरूरी है यह नई रेटिंग?
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि कंपनियां जानबूझकर ऐसे प्रोडक्ट बनाती हैं जो जल्दी खराब हो जाते हैं। इससे ग्राहक मजबूर होकर नया फोन या टैबलेट खरीदते हैं। रिपेयरबिलिटी इंडेक्स लाने का मकसद यही है कि कंपनियों पर जिम्मेदारी डाली जाए ताकि वे टिकाऊ और आसानी से रिपेयर होने वाले प्रोडक्ट बनाएं। इस रेटिंग से ग्राहक भी समझ पाएंगे कि उनके लिए कौन-सा प्रोडक्ट बेहतर रहेगा।

कौन-कौन से डिवाइस होंगे शामिल?
शुरुआत में यह नियम स्मार्टफोन और टैबलेट्स के लिए लागू होगा। बाद में लैपटॉप, डेस्कटॉप और अन्य डिवाइसेस को भी इसमें शामिल किया जाएगा। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर इस मुद्दे को लेकर अब तक करीब 20,000 शिकायतें आ चुकी हैं, जिनके आधार पर यह कदम उठाया गया है।

कैसे दी जाएगी रेटिंग?
समिति ने 5-पॉइंट रेटिंग सिस्टम का सुझाव दिया है। यह रेटिंग प्रोडक्ट की पैकेजिंग और कंपनी की वेबसाइट पर दिखाई जाएगी। रेटिंग इन बातों के आधार पर तय होगी:

डिस्प्ले, बैटरी, कैमरा, चार्जिंग पोर्ट और स्पीकर को रिपेयर करना कितना आसान है।

फोन को खोलना कितना आसान है और उसमें किस तरह के स्क्रू और टूल्स इस्तेमाल हुए हैं।

स्पेयर पार्ट्स कितनी आसानी से उपलब्ध हैं।

सॉफ्टवेयर अपडेट की कंपनी की पॉलिसी कैसी है।

अगर सर्विस बेहतरीन है तो उसे 5 स्टार मिलेंगे, और अगर औसत है तो 3 स्टार दिए जाएंगे। शुरुआत में फीचर फोन इस नियम के दायरे से बाहर रहेंगे।

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