अगर आप यह पढ़ रहे हैं, तो शायद आपने कभी-कभार शराब पी हो या ऐसी रातें गुज़ारी हों जिनकी पूरी याद नहीं रही हो — इसका सारा क्रेडिट शराब द्वारा मस्तिष्क की नसों को सुस्त करने की क्षमता को जाता है।
और फिर अगली सुबह आप खुद को दिलासा देते हैं कि “मैं तो सिर्फ कभी-कभार पीता/पीती हूं, मुझे क्या होगा?”
लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो अब वक्त है सतर्क होने का।
🔬 नई रिसर्च क्या कहती है?
पुराने समय में कुछ अध्ययनों ने दावा किया था कि थोड़ी-बहुत शराब पीना दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है। उदाहरण के लिए:
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने कहा था कि शराब HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ा सकती है।
हार्वर्ड स्टडी ने “मॉडरेट ड्रिंकिंग” को स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित बताया था।
पर इन अध्ययनों में कई सीमाएं थीं:
ये अधिकतर ऑब्जर्वेशनल स्टडीज थीं।
लोग अपनी शराब की मात्रा खुद रिपोर्ट करते थे (जो अक्सर गलत हो सकती है)।
इनमें उम्र, लाइफस्टाइल और अनुवांशिक कारकों को गंभीरता से नहीं देखा गया।
☠️ WHO की चेतावनी: कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं
हाल के अध्ययनों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट्स के अनुसार, शराब को अब एक ग्रुप 1 कार्सिनोजेन माना गया है — यानी ऐसा पदार्थ जो कैंसर का कारण बन सकता है।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार:
शराब का कोई “सुरक्षित स्तर” नहीं है।
कम मात्रा में शराब पीना भी उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, और कम-से-कम 7 तरह के कैंसर (जैसे स्तन कैंसर और आंत का कैंसर) से जुड़ा हुआ है।
🚨 कब शुरू होता है असर?
शराब शरीर में धीरे-धीरे असर दिखाती है।
लिवर को नुकसान, फैटी लिवर, सिरोसिस, हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (लिवर कैंसर), मधुमेह, पैंक्रियाटाइटिस और दिल की बीमारियां – ये सब जुड़ते हैं शराब के सेवन से।
डॉ. दलवई बताते हैं:
“आज के समय में, किसी भी मात्रा में शराब को स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है।”
✅ अब क्या करें?
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो शराब को पूरी तरह छोड़ना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
कभी-कभार पीने का जो मिथ था, अब वो रिसर्च के सामने टूट रहा है।
शराब छोड़ना सिर्फ लिवर नहीं, पूरे शरीर और दिमाग के लिए फायदे का सौदा है।
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