गर्मियों में डिहाइड्रेशन एक आम समस्या बन जाती है। ज्यादा पसीना और कम पानी पीना हमारे शरीर में पानी की कमी (dehydration) पैदा करता है। इस स्थिति में पेशाब का रंग हमारे शरीर की सेहत का एक अहम संकेतक बन जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार, शरीर में हो रहे बदलाव सबसे पहले यूरिन के रंग और उसकी गंध में दिखते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इन संकेतों को नजरअंदाज न करें।
🟡 यूरिन पीला क्यों होता है? जानिए मुख्य कारण
1. 🥗 डाइट और सप्लीमेंट्स का असर
अगर आप विटामिन बी सप्लीमेंट्स ले रहे हैं या गाजर जैसी चीजें ज़्यादा खा रहे हैं, तो उसका असर यूरिन के रंग पर पड़ता है। ये तत्व पेशाब को पीला या थोड़ा गाढ़ा कर सकते हैं।
2. 💧 हाइड्रेशन का स्तर (Hydration Level)
पेशाब में मौजूद यूरोबिलिन (Urobilin) एक ऐसा पदार्थ है, जो शरीर में पानी की मात्रा के अनुसार पेशाब का रंग बदलता है।
अगर आप सही मात्रा में पानी पीते हैं, तो यूरिन हल्का पीला होगा।
कम पानी पीने पर यूरिन गाढ़ा और डार्क येलो हो जाता है।
3. 🏥 चिकित्सकीय समस्याएं (Medical Conditions)
कभी-कभी यूरिन का रंग लिवर या किडनी की बीमारियों के कारण भी बदल सकता है।
पीलिया (Jaundice) में यूरिन पीले से भूरा हो सकता है, जो बिलीरुबिन लेवल के बढ़ने का संकेत है।
अगर इसमें दर्द या बदबू हो रही है, तो यह संक्रमण या अन्य गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
⚠️ कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है?
हल्का पीला यूरिन आमतौर पर नॉर्मल होता है।
लेकिन अगर इन लक्षणों में से कोई नजर आए तो डॉक्टर से संपर्क करें:
पेशाब का रंग बहुत गहरा होना
पेशाब में तेज़ गंध
जलन या दर्द के साथ पेशाब आना
त्वचा का पीलापन
सिरदर्द या चक्कर महसूस होना
✅ यूरिन के संकेतों को समझें – हो जाएं सतर्क!
यूरिन का रंग शरीर के अंदर की कई स्थितियों को बयां करता है। इसे नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। अपने डेली वॉटर इनटेक पर ध्यान दें और अगर कोई असामान्यता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
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