12वीं के बाद टीचर बनने के ये हैं 4 सबसे बेहतरीन रास्ते

मध्य प्रदेश बोर्ड जल्द ही 12वीं कक्षा के परिणाम घोषित करने वाला है। ऐसे में अगर आपका सपना है कि आप एक सरकारी स्कूल में शिक्षक बनें, तो आपके पास कई शैक्षणिक रास्ते खुले हैं। आप डीएलएड (D.El.Ed), बीएड (B.Ed) या नई शिक्षा नीति के तहत शुरू किए गए ITEP (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) में से कोई भी कोर्स चुन सकते हैं।

👶 छोटे बच्चों को पढ़ाना है? करें NTT कोर्स
अगर आप नर्सरी या प्री-प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, तो एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) कोर्स आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह कोर्स बच्चों के मनोविज्ञान और व्यवहार को समझने में मदद करता है।

📚 डीएलएड: क्लास 1 से 5 तक पढ़ाने का रास्ता
डीएलएड (Diploma in Elementary Education) एक 2 साल का कोर्स है। यह कोर्स राज्य शिक्षा केंद्र (RSC) द्वारा आयोजित किया जाता है और हर साल इसके लिए प्रवेश परीक्षा ली जाती है। इस कोर्स को करने के बाद आप कक्षा 1 से 5वीं तक पढ़ाने के लिए पात्र हो जाते हैं।

🎓 बीएड: क्लास 6 से 8 के लिए अनिवार्य
अगर आपका लक्ष्य मिडिल स्कूल में पढ़ाना है, यानी कक्षा 6वीं से 8वीं, तो आपको ग्रेजुएशन के बाद बीएड (Bachelor of Education) करना होगा।
मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, रीवा, उज्जैन, देवास, छतरपुर, खंडवा और जबलपुर जैसे शहरों के सरकारी कॉलेजों में 50 से 107 सीटें बीएड के लिए उपलब्ध हैं।

🆕 ITEP: नई शिक्षा नीति के तहत चार साल का कोर्स
ITEP (Integrated Teacher Education Programme) एक चार साल का कोर्स है, जो ग्रेजुएशन और बीएड दोनों को जोड़कर बनाया गया है। इससे शिक्षक बनने की प्रक्रिया तेज और कुशल हो जाती है।
मध्य प्रदेश में ITEP कोर्स उपलब्ध संस्थान:

सेंट्रल संस्कृति यूनिवर्सिटी, भोपाल

डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी, सागर

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय

रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, भोपाल

इसमें प्रवेश के लिए NCET परीक्षा देनी होती है, जो NTA द्वारा आयोजित की जाती है।

🏠 ओपन यूनिवर्सिटी से भी कर सकते हैं कोर्स
अगर आप रेगुलर कॉलेज नहीं कर सकते तो भोज ओपन यूनिवर्सिटी एक शानदार विकल्प है। यहां पर आप घर बैठे डीएलएड (12वीं पास छात्रों के लिए) और बीएड (ग्रेजुएट्स के लिए) कर सकते हैं। बीएड और डीएलएड दोनों में प्रवेश के लिए कम से कम 50% अंक जरूरी होते हैं।

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