डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण से बाहर हो सकता है। इसके लिए दवाइयों के साथ-साथ खानपान और जीवनशैली में बदलाव जरूरी होता है। आयुर्वेद में नीम को एक प्राकृतिक औषधि माना गया है जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है। आइए जानें कि डायबिटीज़ के मरीज नीम का सेवन कैसे करें ताकि उन्हें अधिक लाभ मिले।
नीम में मौजूद औषधीय गुण
नीम में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-डायबेटिक गुण पाए जाते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है और पाचन क्रिया को भी सुधारता है।
डायबिटीज़ में नीम का सेवन कैसे करें
- नीम की पत्तियों का रस
रोज़ सुबह खाली पेट 5-10 नीम की कोमल पत्तियों को धोकर उनका रस निकालें और एक गिलास गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। - नीम की सूखी पत्तियों का पाउडर
नीम की सूखी पत्तियों को पीसकर पाउडर बना लें। रोज़ाना आधा चम्मच नीम पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें। - नीम की चाय
नीम की कुछ पत्तियों को उबालकर उसमें थोड़ा अदरक या तुलसी मिलाकर चाय की तरह सेवन करें। - नीम की गोलियां
अगर कड़वा स्वाद नहीं झेला जाता तो बाजार में उपलब्ध नीम की टैबलेट्स भी डॉक्टर की सलाह से ली जा सकती हैं।
सावधानियाँ
- नीम का अत्यधिक सेवन ब्लड शुगर को जरूरत से ज्यादा कम कर सकता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।
- किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक दवा या उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें, खासकर अगर आप पहले से दवाइयाँ ले रहे हैं।
नीम का नियमित और सीमित मात्रा में सेवन डायबिटीज़ के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने में मदद करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है। हालांकि, किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की राय ज़रूर लें।