पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर इसका सीधा असर दिखाई देने लगा है।
जहां एक दिन पहले तक पर्यटकों की भीड़ से सजी सड़कें थीं, अब वहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
बाजार बंद, होटल खाली, और मंदिर-मस्जिद वीरान—हर तरफ लॉकडाउन जैसा नज़ारा है।
💔 2030 तक 30 हज़ार करोड़ की उम्मीदें, एक हमले ने सब थाम दिया
सरकार का लक्ष्य था कि 2030 तक पर्यटन से 30,000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था खड़ी हो, लेकिन अब वो सपना टूटता नज़र आ रहा है।
कश्मीर की जीडीपी में 8% भागीदारी रखने वाला टूरिज्म सेक्टर इस एक हमले के बाद शून्य की ओर बढ़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है:
“ये हमला सिर्फ पर्यटकों पर नहीं, कश्मीर की मुस्कराहट पर था।”
🚨 बैसरन में 28 पर्यटकों की हत्या के बाद डर के साए में टूरिस्ट्स
मंगलवार को बैसरन में आतंकियों ने 28 गैर-मुस्लिम पर्यटकों की हत्या कर दी।
एक स्थानीय युवक, जो पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहा था, गोली का शिकार हो गया।
अब पहलगाम के होटल खाली, एक भी पर्यटक वाहन दाखिल नहीं हुआ है।
✈️ 90% फ्लाइट्स कैंसिल, हजारों सैलानी लौटे वापस
श्रीनगर से बुधवार सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक 3,337 यात्री वापस लौटे।
इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने 7 अतिरिक्त उड़ानें चलाईं।
क्लियरट्रिप के अनुसार श्रीनगर की बुकिंग में 40% गिरावट और रद्दीकरण में 7 गुना इज़ाफा हुआ है।
🛕 वैष्णो देवी की यात्रा पर भी असर, लोग जम्मू जाने से डर रहे हैं
अब बात सिर्फ कश्मीर की नहीं, जम्मू और वैष्णो देवी जैसे स्थलों की बुकिंग्स भी कैंसिल हो रही हैं।
टूर ऑपरेटर्स परेशान हैं क्योंकि लोग सुरक्षा कारणों से पैसे वापस मांग रहे हैं।
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