दिल्ली सरकार ने गर्मी से राहत देने के लिए एक बेहद स्मार्ट और सस्टेनेबल तरीका अपनाया है। राजधानी की कई सरकारी इमारतों और बस टर्मिनलों की छतों पर अब “कूल रूफ टेक्नोलॉजी” लगाई जा रही है। इसका मकसद है – तपती धूप को छूने तक न देना और अंदर बैठे लोगों को ठंडक पहुंचाना।
कहां-कहां होगी शुरुआत?
इस तकनीक को पहले चरण में चार मुख्य स्थानों पर लागू किया जा रहा है:
विवेकानंद बस टर्मिनल
आनंद विहार बस टर्मिनल
कश्मीरी गेट का महाराणा प्रताप बस टर्मिनल
दिल्ली सचिवालय
इन जगहों पर गर्मियों में भीड़ और गर्मी दोनों का दबाव सबसे ज़्यादा होता है।
क्या है “कूल रूफ” टेक्नोलॉजी?
कूल रूफ यानी ऐसी छत जो सूरज की किरणों को अपने अंदर समाने नहीं देती बल्कि उन्हें वापस लौटा देती है। इसके लिए छत पर एक खास तरह की रिफ्लेक्टिव कोटिंग की जाती है।
ये कोटिंग कैसे काम करती है?
इसमें इस्तेमाल होने वाले मटीरियल्स होते हैं:
सिरेमिक कोटिंग्स
डामर शिंगल
पॉलिमर लेयर
फाइबरग्लास वेब
मिट्टी या कंक्रीट की टाइल्स
मेटल परतें
ये न केवल गर्मी को रिफ्लेक्ट करते हैं बल्कि छत को इंसुलेट भी करते हैं जिससे अंदर की गर्मी कम होती है।
इससे क्या फायदा होगा?
इमारतें ठंडी रहेंगी, जिससे AC की जरूरत कम पड़ेगी
बिजली की बचत होगी
वातावरण में गर्मी कम होगी यानी हीट आइलैंड इफेक्ट घटेगा
यह तरीका पूरी तरह इको-फ्रेंडली और टिकाऊ (सस्टेनेबल) है
दिल्ली जैसे घनी और गर्म शहर के लिए यह एक गेम चेंजर साबित हो सकता है।
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