आधुनिक जीवनशैली और असंतुलित खानपान के चलते डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। लोग दवाओं के सहारे इन पर काबू पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर आप चाहें तो एक साधारण घरेलू उपाय से भी राहत पा सकते हैं। आज हम बात कर रहे हैं करेले के बीज की, जो डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में बेहद कारगर माना जाता है।
करेले का बीज: छोटा पैकेट, बड़ा धमाका
करेला भले ही स्वाद में कड़वा हो, लेकिन इसके औषधीय गुण किसी अमृत से कम नहीं हैं। खासकर इसके बीज, जिनमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और शरीर में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
डायबिटीज में कैसे फायदेमंद है करेले का बीज?
- करेले के बीज में पॉलीपेप्टाइड-P नामक तत्व पाया जाता है, जो इंसुलिन की तरह काम करता है।
- यह बीज शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है और ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
- इसके एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों के लिए खास फायदेमंद हैं।
कोलेस्ट्रॉल को कैसे करता है कम?
- करेले के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर से LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में सहायक होते हैं।
- यह बीज HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ाने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है।
- नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है।
कैसे करें सेवन?
- सूखे बीज का पाउडर – करेले के बीज को सुखाकर पीस लें और आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट लें।
- कच्चे बीज – यदि ताजे करेले उपलब्ध हों, तो उनके बीज निकालकर धोकर चबा सकते हैं।
- बीज का अर्क – कुछ लोग करेले के बीज का अर्क भी बनाकर लेते हैं, लेकिन यह विधि थोड़ी तकनीकी हो सकती है।
सेवन में सावधानी
- अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द या दस्त की समस्या हो सकती है।
- गर्भवती महिलाएं या लो ब्लड शुगर के मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।
- किसी भी आयुर्वेदिक उपाय को नियमितता और संतुलन के साथ लें।
करेले के बीज एक प्राकृतिक औषधि हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर बीमारियों को नियंत्रित कर सकते हैं। दवाइयों पर निर्भरता कम करने के लिए इन्हें अपने नियमित खानपान में शामिल करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।