रमजान के दौरान कई लोग ज़रूरतमंदों की मदद के लिए चैरिटी और एनजीओ को दान देते हैं। स्कैमर्स इस भावना का गलत फायदा उठाकर फर्जी डोनेशन वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर लोगों को ठगते हैं।
कैसे होता है यह स्कैम?
इफ्तार भोजन, अनाथ सहायता या चिकित्सा मदद के नाम पर लोगों को दान करने के लिए संदेश भेजे जाते हैं।
लिंक पर क्लिक करने पर यूजर को फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जो असली एनजीओ की तरह दिखती है।
दान की गई राशि असली चैरिटी को नहीं, बल्कि स्कैमर्स के खाते में चली जाती है।
कैसे बचें?
✅ हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से चैरिटी की जांच करें।
✅ यूपीआई, बैंक ट्रांसफर या डिजिटल वॉलेट से दान करने से पहले डिटेल्स वेरिफाई करें।
✅ सोशल मीडिया पोस्ट या अनवेरिफाइड लिंक से दान करने से बचें।
2️⃣ क्रिप्टो गिवअवे स्कैम्स: मुफ्त का लालच, बड़ा नुकसान!
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, स्कैमर्स रमजान के नाम पर नकली क्रिप्टो गिवअवे चला रहे हैं। ये स्कीमें मुफ्त बिटकॉइन, एथेरियम या इस्लामिक-थीम वाले टोकन देने का वादा करती हैं, लेकिन असल में लोगों के क्रिप्टो वॉलेट खाली कर देती हैं।
कैसे होता है यह स्कैम?
ट्विटर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर फर्जी विज्ञापन पोस्ट किए जाते हैं।
यूजर्स को इनाम पाने के लिए अपने क्रिप्टो वॉलेट को कनेक्ट करने के लिए कहा जाता है।
जैसे ही वे ट्रांजैक्शन ऑथराइज़ करते हैं, उनका वॉलेट पूरी तरह खाली हो जाता है।
कैसे बचें?
✅ कभी भी अनवेरिफाइड वेबसाइट से अपना क्रिप्टो वॉलेट कनेक्ट न करें।
✅ “बहुत अच्छा ऑफर” दिखने वाली किसी भी चीज से सतर्क रहें।
✅ अपनी क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड वॉलेट का उपयोग करें।
3️⃣ नकली रमजान सेल्स और फेस्टिव डिस्काउंट: भारी छूट के झांसे से बचें!
ई-कॉमर्स स्कैमर्स नकली वेबसाइट बनाकर कपड़े, इत्र और होम डेकोर पर भारी छूट देने का दावा करते हैं। लेकिन असल में, ये वेबसाइट्स केवल पैसे लेने के बाद गायब हो जाती हैं।
कैसे होता है यह स्कैम?
गूगल, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 70-80% तक की छूट वाले विज्ञापन दिखाए जाते हैं।
ग्राहक यूपीआई, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से भुगतान करते हैं, लेकिन उन्हें प्रोडक्ट कभी नहीं मिलता।
कुछ स्कैमर्स बैंक डिटेल्स चुराकर और अधिक धोखाधड़ी भी करते हैं।
कैसे बचें?
✅ हमेशा अमेज़न, फ्लिपकार्ट या आधिकारिक ब्रांड वेबसाइट से ही खरीदारी करें।
✅ संदेहास्पद विज्ञापनों और अनजान वेबसाइट्स से बचें।
✅ जहां संभव हो, “कैश ऑन डिलीवरी” का विकल्प चुनें।
4️⃣ सोशल मीडिया फिशिंग और नकली गिवअवे: ब्लू टिक का भरोसा न करें!
स्कैमर्स वेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट्स को हैक करके नकली ज़कात या रमज़ान गिवअवे चलाते हैं। वे ब्लू टिक और एआई-जनरेटेड गवाहियों का इस्तेमाल करके लोगों का भरोसा जीतते हैं और फिर उन्हें ठगते हैं।
कैसे होता है यह स्कैम?
यूजर्स को डीएम या पोस्ट के जरिए रमज़ान कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए कहा जाता है।
उनसे व्यक्तिगत जानकारी या बैंक डिटेल्स भरने को कहा जाता है।
कभी-कभी इनाम पाने के लिए “छोटा भुगतान” करने को कहा जाता है, जिसके बाद पहचान चोरी या वित्तीय धोखाधड़ी होती है।
कैसे बचें?
✅ गिवअवे में भाग लेने से पहले स्रोत की पुष्टि करें।
✅ बैंक डिटेल्स, ओटीपी या व्यक्तिगत जानकारी अनजान अकाउंट्स से शेयर न करें।
✅ नकली पेज को साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें।
📢 भारत में रमजान स्कैम की रिपोर्ट कैसे करें?
अगर आपको कोई ऑनलाइन धोखाधड़ी का संदेह हो या आप इसके शिकार हो जाएं, तो तुरंत कार्रवाई करें:
🔹 CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) को रिपोर्ट करें।
🔹 राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।
🔹 अगर आपके बैंक खाते से अनधिकृत लेन-देन हुआ है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
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