भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का मानना है कि IPL बड़ा मंच जरूर है, लेकिन असली लक्ष्य देश का प्रतिनिधित्व करना होना चाहिए। उनका कहना है कि अगर किसी युवा क्रिकेटर का सपना भारत के लिए खेलना है, तो बाकी चीजें खुद-ब-खुद ठीक हो जाती हैं।
टीम इंडिया के लिए खेलने का जुनून
ऋषभ पंत ने जिओ हॉटस्टार को दिए एक इंटरव्यू में कहा,
👉 “बचपन से मेरा सिर्फ एक ही सपना था – भारत के लिए खेलना। मैंने कभी IPL के बारे में नहीं सोचा। हां, यह एक शानदार मंच है, लेकिन अगर आपका असली लक्ष्य भारतीय टीम में जगह बनाना है, तो सब कुछ अपने आप हो जाता है।”
27 वर्षीय पंत ने 2017 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और तब से भारतीय टीम का अहम हिस्सा बने हुए हैं। वह चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे, हालांकि उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। पंत ने कहा, “मैं हमेशा से सिर्फ भारत के लिए खेलने का सपना देखता था और भगवान की कृपा से 18 साल की उम्र में यह सपना पूरा हो गया।”
पंत के एक हाथ से छक्के मारने का राज!
ऋषभ पंत को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। उनका सिग्नेचर शॉट – एक हाथ से छक्का – क्रिकेट फैंस को हैरान करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका बल्ला हाथ से क्यों छूटता है?
पंत ने इसका खुलासा करते हुए कहा,
👉 “ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेरे निचले हाथ की पकड़ ढीली होती है। मैं निचले हाथ का इस्तेमाल सिर्फ बैलेंस के लिए करता हूं, लेकिन कभी-कभी यह ज्यादा हावी हो जाता है।”
उन्होंने आगे बताया,
👉 “जब गेंद बाहर होती है या शॉर्ट पिच होती है, तो शॉट लगाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे शॉट्स में सफलता की दर सिर्फ 30-40% होती है, लेकिन मैं मैच की जरूरत के हिसाब से जोखिम लेने के लिए तैयार रहता हूं। यही मेरी मानसिकता है।”
जिमनास्टिक से मिली ताकत और लचीलापन
ऋषभ पंत की बेहतरीन फुर्ती और संतुलन के पीछे जिमनास्टिक का बड़ा हाथ है। उन्होंने बताया कि बचपन में उन्होंने जिमनास्टिक की ट्रेनिंग ली थी, जिसका फायदा उन्हें क्रिकेट में मिला।
उन्होंने कहा,
👉 “बचपन में मेरे कोच कहते थे कि जिमनास्टिक आगे चलकर बहुत काम आएगा। भारतीय टीम के ट्रेनर बासु सर ने भी मुझसे कहा था कि मुझे अपने जिमनास्टिक कोच को धन्यवाद देना चाहिए। उनकी ट्रेनिंग से मुझे बैलेंस और एथलेटिसिज्म में बहुत मदद मिली।”
सपने बड़े रखो, मेहनत करो, सफलता खुद आएगी!
ऋषभ पंत का सफर उन सभी युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा है, जो भारतीय टीम में जगह बनाने का सपना देखते हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर आपका लक्ष्य बड़ा है और आप मेहनत के लिए तैयार हैं, तो सफलता आपका पीछा खुद करेगी!
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