अब नहीं होगी आंखों में नमी की कमी, स्टेम सेल और सिंथेटिक कॉर्निया से मिलेगा समाधान

उम्र बढ़ने के साथ आंखों में ड्राईनेस और रोशनी की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है। इसका मुख्य कारण रेटिना पिगमेंट का डैमेज होना है, जिससे आंखों की नमी खत्म होने लगती है। अब तक इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं था, लेकिन स्टेम सेल थेरेपी और सिंथेटिक कॉर्निया के जरिए इस समस्या का हल निकाला जा रहा है।

कैसे काम करती है स्टेम सेल थेरेपी?
एम्स के डॉक्टरों के अनुसार, इस तकनीक में स्टेम सेल को रेटिना में उसी जगह इंजेक्ट किया जाता है जहां उसकी कमी होती है। इससे नई कोशिकाएं रीजेनरेट होती हैं और धीरे-धीरे आंखों की रोशनी में सुधार आता है।

🔹 इलाज में 2-3 महीने का समय लगता है।
🔹 ड्राई आई के कारण अंधेपन से जूझ रहे मरीजों में सुधार की संभावना ज्यादा होती है।
🔹 अब तक जिन मरीजों पर यह प्रक्रिया अपनाई गई है, उनमें काफी सकारात्मक बदलाव देखे गए हैं।

कहां से आ रहा है स्टेम सेल?
एम्स दिल्ली में इस तकनीक पर रिसर्च जारी है। स्टेम सेल फिलहाल बेंगलुरु में तैयार किए जा रहे हैं और वहीं से दिल्ली भेजे जा रहे हैं। इस पर देश में ही प्रयोग और विकास किया जा रहा है, जिससे मरीजों को आसानी से उपचार मिल सके।

सिंथेटिक कॉर्निया – रोशनी लौटाने में नया कदम!
ड्राई आई या कॉर्निया डैमेज के कारण कई मरीजों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। लेकिन ह्यूमन डोनर की कमी के कारण यह हमेशा संभव नहीं हो पाता। अब सिंथेटिक कॉर्निया इस समस्या का समाधान बन रहा है।

🔹 अब तक एम्स में 72 मरीजों को सिंथेटिक कॉर्निया लगाया जा चुका है।
🔹 इसके नतीजे सामान्य कॉर्निया ट्रांसप्लांट के समान ही हैं।
🔹 कैरेटोकॉनस (कॉर्निया की असमान मोटाई) वाले मरीजों के लिए यह कारगर साबित हो रहा है।
🔹 सिंथेटिक कॉर्निया लगाने के बाद उसकी मोटाई बनी रहती है, जबकि ह्यूमन डोनर कॉर्निया में समय के साथ मोटाई घट सकती है।

ड्राई आई किसे होता है और क्यों?
ड्राई आई सिंड्रोम बढ़ती उम्र में अधिक आम हो जाता है। हर तीन में से एक बुजुर्ग इस समस्या से पीड़ित होता है।

🔹 10 में से 1 युवा को भी हो सकता है ड्राई आई सिंड्रोम।
🔹 महिलाओं में यह समस्या पुरुषों की तुलना में अधिक होती है।
🔹 यह आंखों की नमी खत्म कर देता है, जिससे जलन, खुजली और धुंधला दिखने जैसी समस्याएं होती हैं।

क्या करें अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए?
✔️ आंखों को हाइड्रेट रखें – ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और आंखों को आराम दें।
✔️ स्क्रीन टाइम कम करें – मोबाइल और लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।
✔️ आंखों के लिए पोषक तत्व लें – विटामिन A, C, और E से भरपूर आहार का सेवन करें।
✔️ डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं – आंखों की किसी भी समस्या को नज़रअंदाज न करें।
✔️ अगर ड्राई आई की समस्या बनी रहती है, तो स्टेम सेल थेरेपी और सिंथेटिक कॉर्निया के बारे में विशेषज्ञ से सलाह लें।

निष्कर्ष:
👉 स्टेम सेल थेरेपी और सिंथेटिक कॉर्निया ने ड्राई आई और कमजोर रोशनी वाले मरीजों के लिए नई उम्मीद जगा दी है।
👉 यह तकनीक आंखों की रोशनी सुधारने में मददगार साबित हो रही है।
👉 अगर आपकी आंखों में भी ड्राईनेस या रोशनी की समस्या है, तो जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और सही उपचार करवाएं!

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