फडणवीस का तंज—‘हम आप के हैं कौन’ वाली हालत में है विपक्ष

महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र 4 मार्च से शुरू होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी ने सरकार की ‘चाय पार्टी’ का बहिष्कार कर सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए अपनी एकता का प्रदर्शन किया।

फडणवीस का तंज: ‘हम साथ साथ हैं’ नहीं, ‘हम आप के हैं कौन’ जैसी स्थिति!
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी स्थिति ‘हम साथ साथ हैं’ जैसी नहीं, बल्कि ‘हम आप के हैं कौन’ जैसी है।

उन्होंने विपक्ष पर फूट का आरोप लगाते हुए कहा कि वे खुद आपस में एकमत नहीं हैं।
सरकार में मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह एकजुट हैं।
क्या सरकार में मतभेद है? शिंदे-पवार ने दिया मजेदार जवाब!
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने सरकार में अंदरूनी दरार की खबरों को खारिज किया।

शिंदे ने मजाकिया अंदाज में कहा— ‘इतनी गर्मी में भी हम कुल-कुल हैं, कोई कोल्ड वॉर नहीं है।’
उन्होंने कहा कि मीडिया कितनी भी ‘ब्रेकिंग’ करे, हम दोनों के बीच कोई ‘ब्रेक’ नहीं होने वाला।
शिंदे ने कुर्सी बदलने पर कहा— ‘मैं और फडणवीस ने सहमति से कुर्सी बदली है, लेकिन अजित पवार की कुर्सी फिक्स है।’
इस पर अजित पवार ने भी चुटकी ली— ‘आप अपनी कुर्सी (मुख्यमंत्री पद) फिक्स नहीं रख पाए!’
विपक्ष ने चाय पार्टी का क्यों किया बहिष्कार?
विपक्ष ने सरकार की चाय पार्टी का बहिष्कार करते हुए सरकार पर कई आरोप लगाए।

किसानों की अनदेखी और आत्महत्याओं पर सवाल उठाए।
मराठा और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
महंगाई, बेरोजगारी और लाडकी बहिन योजना में कथित अनियमितताओं को लेकर सरकार पर हमला बोला।
विपक्ष ने साढ़े चार पन्नों का पत्र लिखकर चाय पार्टी का बहिष्कार करने के कारण बताए।

बजट सत्र में किन मुद्दों पर हंगामे के आसार?
इस बार महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में तीखी बहस होने की पूरी संभावना है।

लाडकी बहिन योजना में पात्र महिलाओं की संख्या कम करने के आरोप पर विपक्ष हमलावर रहेगा।
मराठा और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाने वाला है।
कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।
मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप भी चर्चा का केंद्र रहेंगे।
बजट सत्र होगा हंगामेदार! विपक्ष के तेवर और सरकार का जवाबी हमला!
सरकार और विपक्ष की तल्खी से साफ है कि बजट सत्र में जबरदस्त हंगामा देखने को मिलेगा।
जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं फडणवीस, शिंदे और अजित पवार की एकता यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि सरकार पूरी मजबूती से खड़ी है।

अब देखना होगा कि बजट सत्र में विपक्ष कितना प्रभावी साबित होता है और सरकार किस तरह अपने फैसलों को सही ठहराती है!

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