UPSC CSE 2025 और IFS परीक्षा के लिए आवेदन की आज आखिरी तारीख

यूपीएससी सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा और भारतीय वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2025 के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 18 फरवरी, यानी आज है। जिन उम्मीदवारों ने अब तक आवेदन नहीं किया है, वे जल्द से जल्द UPSC की ऑफिशियल वेबसाइट upsc.gov.in या upsconline.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पहले आवेदन की आखिरी तारीख 11 फरवरी तय की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 18 फरवरी कर दिया गया।

सिविल सेवा परीक्षा 2025 में 979 पदों पर अधिकारियों की भर्ती की जाएगी।

आवेदन सुधार की खिड़की भी खुली है
UPSC ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिस जारी करते हुए कहा था, “यूपीएससी सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2025 और भारतीय वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2025 के लिए आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 18 फरवरी 2025 (शाम 6 बजे) तक बढ़ा दी गई है।” इसके साथ ही 7 दिनों की एप्लिकेशन करेक्शन विंडो 19 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक खुली रहेगी, जिससे उम्मीदवार अपने आवेदन में सुधार कर सकते हैं।

OTR प्रोफाइल बनाना जरूरी
आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को वन-टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) प्रोफाइल बनाना होगा, जो आजीवन वैलिड रहता है। जिन उम्मीदवारों ने पहले ही प्रोफाइल बना ली है, वे सीधे आवेदन पत्र भर सकते हैं।

कब होगी परीक्षा?
UPSC CSE 2025 की परीक्षा 25 मई 2025 को आयोजित होगी। इस परीक्षा में उम्मीदवारों का चयन तीन चरणों में होगा: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू।

पात्रता मानदंड
शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवार के पास ग्रेजुएशन की डिग्री या इसके समकक्ष कोई मान्यता प्राप्त योग्यता होनी चाहिए। फाइनल सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहे उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें बाद में प्रमाणित करना होगा कि उन्होंने परीक्षा पास कर ली है।
उम्र सीमा: उम्मीदवार की उम्र 1 अगस्त 2025 को 21 से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट दी जाएगी।
आवेदन शुल्क
सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 100 रुपये है।
महिला, एससी, एसटी और बेंचमार्क विकलांगता कैटेगरी के उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क से छूट दी गई है।
UPSC CSE प्रयासों की संख्या
अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम 6 प्रयास मिलते हैं।
ओबीसी के उम्मीदवारों को 9 प्रयास मिलते हैं।
एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए कोई प्रयास की सीमा नहीं है।

यह भी पढ़ें:

पेशाब रोकने से कैसे हो सकते हैं किडनी और यूटीआई के गंभीर खतरे