घर का सबसे ज़रूरी हिस्सा किचन सिर्फ खाने-पीने की जगह ही नहीं, बल्कि कई अनदेखे खतरों का अड्डा भी हो सकता है। हम रोज़मर्रा में जिन चीजों का इस्तेमाल करते हैं, वे कभी-कभी हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। खासकर फ्रिज, माइक्रोवेव, प्लास्टिक के बर्तन और गैस सिलेंडर जैसी चीजें अगर सही तरीके से इस्तेमाल न की जाएं, तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
आइए जानते हैं किचन में मौजूद 10 जरूरी लेकिन संभावित रूप से खतरनाक चीजों के बारे में और कैसे कर सकते हैं इनसे अपना बचाव।
फ्रिज – ठंडा ज़हर?
खतरा:
फ्रिज में गलत तरीके से रखे गए खाने से बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं।
खराब तापमान सेटिंग से खाना ज़हरीला हो सकता है।
लंबे समय तक रखा भोजन फूड पॉइज़निंग का कारण बन सकता है।
बचाव:
फ्रिज का तापमान 1-5°C के बीच रखें।
हर हफ्ते फ्रिज को साफ करें और एक्सपायरी फूड को बाहर निकालें।
कच्चे और पके हुए खाने को अलग-अलग स्टोर करें।
गैस सिलेंडर – ज़रा सी लापरवाही और बड़ा हादसा!
खतरा:
✔ गैस लीक होने पर ब्लास्ट का खतरा।
✔ सही तरीके से इस्तेमाल न करने पर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बन सकती है, जो जानलेवा होती है।
बचाव:
हमेशा ISI मार्क वाले गैस रेगुलेटर और पाइप का इस्तेमाल करें।
गैस लीक की महक आए, तो तुरंत रेगुलेटर बंद करें और खिड़कियां खोल दें।
लाइटर, मोबाइल या स्विच ऑन करने से बचें।
माइक्रोवेव – अदृश्य रेडिएशन का खतरा!
खतरा:
प्लास्टिक कंटेनर में खाना गर्म करने से टॉक्सिक केमिकल्स खाने में मिल सकते हैं।
माइक्रोवेव से निकलने वाली रेडिएशन त्वचा और आंखों पर असर डाल सकती है।
बचाव:
ग्लास या सेरामिक बर्तनों का ही इस्तेमाल करें।
माइक्रोवेव के दरवाजे को हमेशा ठीक से बंद रखें।
इस्तेमाल के बाद इसे अच्छे से साफ करें।
प्लास्टिक के कंटेनर – धीमा ज़हर!
खतरा:
प्लास्टिक बर्तनों से निकलने वाले बीपीए (BPA) और फथलेट्स (Phthalates) हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं।
गर्म खाना रखने पर केमिकल रिलीज़ होते हैं, जो कैंसर और अन्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
बचाव:
BPA-free प्लास्टिक या स्टील, कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
प्लास्टिक के बर्तनों को धूप में रखने से बचें।
किचन सिंक – बैक्टीरिया का गढ़!
खतरा:
गंदे सिंक में ई.कोली, साल्मोनेला और अन्य बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
जमे हुए खाने के कण फूड पॉइज़निंग का कारण बन सकते हैं।
बचाव:
हर दिन डिशवॉश लिक्विड और गरम पानी से सिंक साफ करें।
कटिंग बोर्ड और स्पंज को भी समय-समय पर बदलें।
स्पंज और कपड़ा – सबसे गंदे आइटम!
खतरा:
इस्तेमाल के बाद स्पंज में लाखों बैक्टीरिया पनपते हैं।
गीले कपड़ों में फंगस और बदबू हो सकती है।
बचाव:
हर हफ्ते नया स्पंज या स्क्रबर इस्तेमाल करें।
स्पंज को गर्म पानी में धोकर धूप में सुखाएं।
एक्सपायरी फूड – धीरे-धीरे जहर!
खतरा:
एक्सपायर हो चुका खाना फूड पॉइज़निंग और पेट की बीमारियों का कारण बन सकता है।
बासी ब्रेड, दूध, सॉस और मसाले में फंगस पनप सकता है।
बचाव:
हर हफ्ते किचन स्टॉक चेक करें और एक्सपायरी सामान बाहर निकालें।
खाने को सही तापमान और पैकेजिंग में स्टोर करें।
एल्युमिनियम फॉयल – धीमा ज़हर!
खतरा:
एल्युमिनियम खाने में मिलकर ब्रेन और हार्मोनल समस्याएं पैदा कर सकता है।
गर्म और खट्टे खाने के संपर्क में आने पर यह और ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है।
बचाव:
एल्युमिनियम फॉयल की जगह बटर पेपर या स्टील बॉक्स का इस्तेमाल करें।
बहुत गर्म खाना फॉयल में लपेटने से बचें।
कच्चा चिकन और अंडा – फूड पॉइज़निंग का खतरा!
खतरा:
कच्चे चिकन और अंडे में साल्मोनेला बैक्टीरिया हो सकता है, जिससे पेट की बीमारियां हो सकती हैं।
गलत तरीके से स्टोर करने पर यह दूसरे फूड को भी संक्रमित कर सकता है।
बचाव:
चिकन और अंडों को फ्रिज के सबसे निचले हिस्से में रखें।
काटने के बाद चाकू और कटिंग बोर्ड को अच्छे से धोएं।
टेफ्लॉन नॉन-स्टिक कड़ाही – छुपा हुआ खतरा!
खतरा:
ज्यादा गरम होने पर टेफ्लॉन कोटिंग टॉक्सिक गैस रिलीज करती है।
खरोंच आने पर टेफ्लॉन केमिकल खाने में मिल सकते हैं।
बचाव:
अगर पैन की कोटिंग निकल रही हो, तो उसे तुरंत बदल दें।
कम आंच पर नॉन-स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करें।
हमारा किचन सिर्फ खाना बनाने की जगह नहीं, बल्कि हमारी सेहत का सीधा जिम्मेदार होता है। अगर आप इन 10 खतरनाक चीजों को सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे, तो अपने परिवार को बीमारियों और हादसों से बचा सकते हैं।