डिजिटल स्कैम के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन अब भारत में साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाया है— डिजिटल अरेस्ट। हाल ही में ऐसे मामलों में तेजी आई है, जहां लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। सरकार और साइबर सिक्योरिटी एजेंसियां लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं।
नोएडा में डिजिटल अरेस्ट का मामला
नोएडा में एक व्यक्ति के साथ ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें 1.10 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई। स्कैमर्स ने पीड़ित परिवार को लगभग 5 दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बना लिया। यह मामला नोएडा सेक्टर-19 के चंद्रभान पालीवाल के साथ हुआ, जो 1 फरवरी को शुरू हुआ था।
कैसे हुआ स्कैम?
पालीवाल को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें बताया गया कि उनका सिम कार्ड जल्द ही ब्लॉक होने वाला है। स्कैमर्स ने खुद को TRAI अधिकारी बताया और फिर दूसरी कॉल में कहा कि पालीवाल 24 साइबर क्राइम मामलों में शामिल हैं।
इसके बाद, स्कैमर्स ने वीडियो कॉल पर जज, मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारी और CBI जांच की धमकी देकर पूरे परिवार को मानसिक रूप से बंधक बना लिया। इस दौरान, उनसे 1.10 करोड़ रुपये की डिमांड की गई और फोन की बैटरी चार्ज रखने को कहा गया ताकि वे हमेशा कॉल पर बने रहें।
क्या कहा पुलिस ने?
नोएडा साइबर क्राइम DCP प्रीति यादव ने PTI को बताया कि स्कैमर्स ने परिवार को धमकाया कि उनकी सरकारी जांच चल रही है और उनका आधार कार्ड भी CBI के पास भेज दिया गया। उनकी पत्नी और बेटी को भी वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट किया गया।
कैसे बचें ऐसे साइबर स्कैम से?
अज्ञात कॉल और वीडियो कॉल से सावधान रहें।
अगर कोई खुद को सरकारी अधिकारी बताकर धमकाए, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉलर को अपनी निजी जानकारी न दें।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत करें।
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