राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने गुरुवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा WhatsApp और Meta के बीच डेटा-शेयरिंग को लेकर लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध पर रोक लगा दी। यह फैसला तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के लिए राहत भरा साबित हुआ है।
Meta ने फैसले का किया स्वागत
Meta ने CCI के आदेश पर आंशिक रोक के NCLAT के फैसले का स्वागत किया और कहा कि वह अपने अगले कदमों पर पुनर्विचार करेगा। Meta के प्रवक्ता ने कहा:
“हम अपने अगले कदमों पर पुनर्विचार करेंगे। हमारा ध्यान उन व्यवसायों का समर्थन करने पर रहेगा जो हमारे प्लेटफॉर्म पर निर्भर हैं। साथ ही, हम उच्च गुणवत्ता वाले अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसकी उम्मीद यूजर्स WhatsApp से करते हैं।”
WhatsApp पर लगा था भारी जुर्माना
पिछले साल नवंबर में CCI ने 2021 में अपडेट की गई WhatsApp की गोपनीयता नीति को लेकर मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। CCI ने इसे अनुचित व्यावसायिक तरीका बताते हुए Meta और WhatsApp दोनों पर कार्रवाई की थी।
फैसले को दी गई थी चुनौती
Meta और WhatsApp ने CCI के इस आदेश को NCLAT के समक्ष चुनौती दी थी। अब NCLAT के फैसले से इन कंपनियों को अस्थाई राहत मिली है।
निष्कर्ष
यह मामला Meta और WhatsApp के लिए बेहद अहम है क्योंकि डेटा-शेयरिंग और गोपनीयता नीति को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है। NCLAT के इस फैसले से जहां इन कंपनियों को राहत मिली है, वहीं यह मामला आने वाले समय में और भी दिलचस्प हो सकता है।
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