मोटापा और उसके खतरनाक प्रभाव: कैंसर से लेकर डायबिटीज तक के जोखिम

भारत में मोटापा एक सामान्य समस्या बन चुका है, और पेट की चर्बी बढ़ने से तरह-तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं। हाल ही में मोटापे और इससे जुड़ी बीमारियों पर एक नई स्टडी सामने आई है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित इस रिपोर्ट में मोटापे को अब सिर्फ BMI के आधार पर नहीं मापा गया है, बल्कि शरीर में फैट और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर इसे परिभाषित किया गया है।

मोटापा और कैंसर का रिश्ता
मोटापा केवल दिल की बीमारी, डायबिटीज, और हाइपरटेंशन जैसे स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा नहीं बढ़ाता, बल्कि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को भी बढ़ावा देता है। शोध से यह साबित हुआ है कि मोटापे और कैंसर के बीच एक सीधा संबंध है। मोटापे के कारण स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, किडनी कैंसर और गॉल ब्लैडर कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।

मोटापे से शरीर में फैट अधिक बढ़ जाता है, जो जैविक प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। मोटापा शरीर में एस्ट्रोजन और इंसुलिन जैसे हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे शरीर की सेल्स अनियंत्रित बढ़ने लगती हैं। साथ ही, मोटापा शरीर में पुरानी सूजन की स्थिति पैदा करता है, जिससे डीएनए को नुकसान हो सकता है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

मोटापा अब सिर्फ BMI से नहीं मापा जाएगा
नई स्टडी के अनुसार, अब मोटापे को BMI के आधार पर मापने के बजाय, शरीर में मौजूद फैट और इससे जुड़ी बीमारियों को भी ध्यान में रखा जाएगा। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि BMI के आधार पर कई बार व्यक्ति को मोटापा से पीड़ित माना जाता है, जबकि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हो सकता है। वहीं, कई बार BMI 23 से कम होने के बावजूद कुछ लोग बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं।

कमर की माप से मोटापे का अनुमान
अब मोटापे के मापने के लिए सिर्फ BMI नहीं, बल्कि कमर की माप भी महत्वपूर्ण होगी। यदि महिलाओं की कमर 34.6 इंच से ज्यादा और पुरुषों की 40 इंच से ज्यादा हो, तो इसे मोटापे का संकेत माना जाएगा और इससे जुड़ी बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, डेक्सा स्कैन और कमर-लंबाई अनुपात जैसी तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

प्री-क्लिनिकल मोटापे वाले लोगों को वजन बढ़ने से रोकने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाएगी। यह बदलाव मोटापे की पहचान और इलाज को बेहतर बनाएगा, जिससे कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाव संभव हो सकेगा।

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